नई दिल्ली : शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा ‘मोदी सरनेम’ मामले में सजा पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया। जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने उन्हें जवाब देने के लिए 10 दिन की मोहलत दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस का जवाब देने के लिए गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 21 दिन का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें 10 दिन में जवाब देने के लिए कहा है। गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने शीर्ष अदालत में ये याचिका दायर की है और इसमें सजा और दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है। राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी अदालत में पेश हुए। इससे पहले मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी निगाहें
बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी के लिए 2024 का चुनाव लड़ने की राह मुश्किल हो गई है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट भी गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखती है तो राहुल सजा के 2 साल के अतिरिक्त अगले 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। बता दें कि मोदी सरनेम मानहानि मामले में सूरत की सेशन कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी थी। जनप्रतिनिधि कानून के अनुसार अगर किसी विधायक या सांसद को किसी मामले में दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो तो उसकी संसद/विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाती है। इतना ही नहीं, सजा की अवधि पूरी होने के बाद 6 साल तक वो चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य होते हैं। इस तरह वे अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। अगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा और कोई राहत नहीं दी तो वे 2024 और 2029 का चुनाव लड़ने का रास्ता बंद हो जाएगा।
ये है मामला
13 अप्रैल 2019 के आम चुनाव में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ पर टिप्पणी की थी। कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली में उन्होने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है?’ उनके इस बयान को आपत्तिजनक मानते हुए गुजरात में बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि इस फैसले के कुछ ही देर बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। इसके दूसरे दिन 24 मार्च को उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई। 25 मार्च को राहुल गांधी ने माफी मांगने से इनकार किया था और 27 मार्च को उन्हें सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस मिला। 22 अप्रैल 2023 को उन्होने बंगला खाली कर दिया था। 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद अब उन्होने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।