नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए नए कानून को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हालाँकि कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इंकार कर दिया है लेकिन कानून का परीक्षण करने पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है, मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
तीन वकीलों ने दायर की है सुप्रीम कोर्ट में याचिका
केंद्र सरकार द्वारा मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों को नियुक्ति को लेकर बनाये गए नए कानून को दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी , तीन वकीलों जया ठाकुर, संजय नारायण राव मेश्राम और धर्मेन्द्र सिंह कुशवाह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस कानून पर रोक लगाने की मांग की थी।
CEC, EC की चयन समिति में CJI को शामिल करने की मांग
याचिका में कहा गया था कि जो कानून संसद ने बनाया है वो असंवैधानिक है इसलिए इसपर रोक लगाना जरुरी है, याचिका में मांग की गई थी कि चयन समिति में CJI को शामिल किया जाना चाहिए, याचिका पर आज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर की पीठ में सुनवाई हुई, कोर्ट ने कहा कि फ़िलहाल हम कानून पर रोक नहीं लगा सकते लेकिन इसका परीक्षण करा सकते हैं।
मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में, कानून पर रोक लगाने से SC का इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और नए कानून को लेकर जबाव तलब किया, मामले की सुनवाई अप्रैल में होगी, आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर एक कानून बनाया है जिसमें चयन समिति से CJI को हटा दिया है समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नॉमिनेट एक कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया है।