छिंदवाड़ा: दरअसल गुरुवार को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद छिंदवाड़ा आए थे। इस दौरान वह छोटी बाजार स्थित बड़ी माता मंदिर और श्रीराम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। सबसे पहले अविमुक्तेश्वरानंद बड़ी माता मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने पहुंचे। इसी दौरान उनकी नजर मंदिर की दीवार में लगी एक टाइल्स पर पड़ी, इस टाइल्स में साईं बाबा का चित्र बना था। इसे देखते ही अविमुक्तेश्वरानंद नाराज होते हुए मंदिर से बाहर निकल गए। पुजारी ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की लेकिन वह नहीं रूके।बड़ी माता मंदिर के बाद स्वामी जी छोटा बाजार स्थित राममंदिर पहुंचे। यहां भी उन्हें साईं बाबा की एक प्रतिमा नजर आ गई, जिसके बाद उन्होंने मंदिर के पुजारी पर नाराजगी जताई और कहा कि राम-कृष्ण के मंदिर में साईं का क्या काम है.
गर्भगृह स्थानांतरित करने पहुंचे थे मंदिर
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बड़ी माता मंदिर का गर्भगृह स्थानांतरित करने के लिए मंदिर समिति के आग्रह पर पहुंचे थे। मंदिर में निर्माण कार्य जारी है, जिसके चलते मंदिर समिति ने स्वामीजी को गर्भगृह स्थानांतरित करने के लिए आमंत्रित किया था। जब उन्होंने मंदिर में साईं बाबा की प्रतिमा देखी तो वह नाराज होकर चले गए। उन्होंने गुस्से में मंदिर समिति के सदस्यों से बात तक नहीं की।
शिष्य को लताड़ा
स्वामी जी को जो शिष्य बड़ी माता मंदिर ले गया था, उसे उन्होंने सभी के सामने लताड़ता। स्वामी जी ने शिष्य पर विश्वास तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने तुम पर विश्वास किया, हमारा संकल्प है कि जिस मंदिर में साईं है, वहां हम नहीं जाएंगे। फिर भी तुमने विश्वास को तोड़ा। हमें ऐसे मंदिर में ले गए, अब दोबारा हमारे सामने मत आना। तुमने हमें धोखा दिया है।
मूर्ति के हटने के बाद ही मंदिर में करेंगे प्रवेश
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मां दुर्गा और भगवान श्रीराम के मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति देखकर मन दुखी हो गया। आस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब तक साईं बाबा की मूर्ति इन मंदिरों में रहेगी, हम यहां प्रवेश नहीं करेंगे। मंदिर समिति साईं को हटा दे, तो खुद यहां आकर पूजा करेंगे। मंदिर को पवित्र करना पड़ेगा।
राम मंदिर से टाइल्स हटाई गईं
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के साईं बाबा की प्रतिमा पर विरोध दर्ज करने के बाद राम मंदिर से साईं बाबा की टाइल्स हटा दी गई है। वहीं माता मंदिर से सांई बाबा के आर्टिफिशियल मंदिर को हटाने पर चर्चा के लिए मंदिर समिति की विशेष बैठक बुलाई गई है। बड़ी माता मंदिर समिति के अध्यक्ष संतोष सोनी का कहना है कि वह सनातन धर्म के साथ हैं। भूलवश, यदि यहां साईं बाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी है, तो हम सहमति से निर्णय लेंगे।
कौन हैं स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विशेष प्रतिनिधि हैं। उन्होंने काशी में मंदिर तोड़े जाने का विरोध किया था। वहीं, छत्तीसगढ़ के कवर्धा में सनातन धर्म के ध्वज को हटाने के विरोध में हजारों लोगों के साथ रैली निकालकर ध्वज को स्थापित भी किया था।