MP पुलिस का कारनामा ऐसा की जेल में बंद मुस्लिमों को बनाया दंगे का आरोपी

मध्य प्रदेश में रामनवमी पर हुए हिंसा मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार सवालों के घेरे में है। इसी बीच बड़वानी जिले के सेंधवा से एक हैरतअंगेज कहानी सामने आई है। यहां पुलिस ने रामनवमी पर हुई हिंसा मामले में उन मुस्लिमों को भी नहीं बख्शा जो पहले से जेल में बंद हैं। पुलिस ने ऐसे तीन मुस्लिमों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए हैं। इतना ही नहीं इस फर्जी एफआईआर के बाद एक का घर भी तोड़ दिया गया।

दरअसल, बड़वानी के सेंधवा में 10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस दौरान पत्थरबाजी से लेकर दुकानों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई। हैरत की बात ये है कि पुलिस ने वाहनों में आग लगाने के लिए जिन तीन आरोपियों शहबाज़, फकरू और रऊफ को गिरफ्तार किया है वे तीनों बीते महीने की 11 तारीख से जेल में बंद हैं।

इतना ही नहीं जिस थाने में तीनों के खिलाफ पिछले महीने आईपीसी की धारा 307 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, उसी थाने में इस बार भी मुकदमा कायम किया गया है। पुलिस की एफआईआर से प्रतीत होता है कि तीनों आरोपी रामनवमी के दिन जेल से बाहर आए, उन्होंने दंगा और आगजनी की और फिर अपने बैरक में लौट गए। निश्चित रूप से ऐसा होने की संभावना नहीं है और यदि हुआ है तो कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है।