गांधीनगर : चुनाव आयोग जल्द ही गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। माना जा रहा है कि राज्य में दो चरणों में चुनाव हो सकते हैं, जो चार दिसंबर को खत्म हो जाएंगे। आयोग के सूत्रों के अनुसार, वोटों की गिनती हिमाचल के साथ हो सकती है। वैसे तो गुजरात विधानसभा का सत्र अगले साल 18 फरवरी को समाप्त होगा लेकिन सूबे में समय से पहले चुनाव संपन्न हो जाएंगे ताकि इसका असर हिमाचल पर ना पड़े।
हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं आप भी पूरी तरह से तैयार है। ऐेसे में यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। पिछले लगभग 37 सालों से हिमाचल में हर पांच साल के बाद बीजेपी या कांग्रेस की सरकारें बनती रही हैं। लेकिन इस बार बीजेपी के सामने इस ट्रेंड को खत्म करने की चुनौती है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला हुआ है।
इस बार हिमाचल प्रदेश का चुनाव दिग्गज चेहरों के बिना होगा। कांग्रेस के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह का निधन हो चुका है तो बीजेपी के शांता कुमार, जो राज्य की सत्ता की कमान संभाल चुके हैं वो अपनी बढ़ती उम्र की वजह से राजनीति से दूरी बनाए हुए हैं। वहीं दूसरे पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल जो पिछले चुनाव के दौरान बीजेपी का चेहरा थे, वे हार की वजह से रेस से बाहर हैं।
2017 में मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान क्रमश: 13 अक्टूबर और 25 अक्टूबर को किया था। इस बार नौ नवंबर को हिमाचल प्रदेश में चुनाव होंगे जबकि फिलहाल गुजरात की तारीखों का ऐलान नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि गुजरात में दो चरणों- नौ और 14 दिसंबर को चुनाव होंगे। दोनों राज्यों में एकसाथ वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी।
पूर्व चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी की वजह से ठंड के मौसम में चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। वहीं गुजरात के मामले में ऐसी कोई बंदिश नहीं है। 2017 में हमने दोनों राज्यों के लिए चुनाव की तारीखों को अलग कर दिया था क्योंकि गुजरात सरकार ने भारी बारिश की वजह से राहत कार्यों को पूरा करने के लिए समय मांगा था। साथ ही हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप आदर्श आचार संहिता 46 दिन से आगे न बढ़े।’