भोपाल : मध्य प्रदेश के दमोह जिले में पिछले दिनों चर्चा में आए गंगा जमुना स्कूल का मामला एक बार फिर गर्माते हुए दिख रहा है। इस बार स्कूल प्रबंधन नहीं, बल्कि जिला प्रशासन लपेटे में आते हुए दिखाई दे रहा है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को समन भेजकर 10 जुलाई को नई दिल्ली में पेशी के लिए बुलाया है।

राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के दस्तखत से जारी इस नोटिस में विवादास्पद गंगा जमना स्कूल का हवाला देकर कहा गया है कि स्कूल में बच्चों को इस्लामिक शिक्षा दिये जाने की शिकायत है। वहीं, बच्चियों को जबरन हिजाब पहनाने की शिकायत भी है। इन तमाम बिंदुओं को लेकर आयोग जांच कर रहा है। इसलिए कलेक्टर दमोह मयंक अग्रवाल के बयान होने हैं।
बता दें कि कथित हिजाब मामले के सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ा था और दमोह से लेकर दिल्ली तक मामले की गूंज हुई थी। इस मामले में दमोह कलेक्टर और एसपी पर स्कूल को क्लीनचिट दिए जाने का भी आरोप है। अब आयोग इन तमाम बिंदुओं पर जांच कर रहा है और कलेक्टर को आयोग के सामने पेश होने का फरमान जारी हुआ है।
आपको बता दें कि पिछले महीने दमोह के गंगा जमुना स्कूल का एक पोस्टर इंटरनेट पर वायरल हुआ था। पोस्टर में हिंदू छात्राओं को भी हिजाब पहने हुए दिखाई दिया था। बाद में जांच का दायरा बढ़ा तो यह सामने आया कि स्कूल प्रबंधन में तीन शिक्षिकाओं ने अपना धर्म भी बदल लिया। स्कूल संचालक भी कई अवैध धंधों में संलिप्त मिला था। अब बाल संरक्षण आयोग इस बात से खफा है कि इस मामले में कलेक्टर ने जांच में लापरवाही बरती है।