भोपाल में बन रहा देश का सबसे बड़ा तालाब में तैरने वाला क्रूज, गंगा विलास से ढाई गुना ज्यादा लोग रह सकेंगे एक साथ…

भोपालः  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देश का सबसे बड़ा क्रूज बनना शुरू हो गया है। तालाब में तैरते इस क्रूज का निर्माण खानूगांव में रहा है। खास बात ये है कि इसका रेस्टोरेंट तीन दिन पहले गंगा नदी में उतारे गए गंगा विलास क्रूज से भी कई गुना बड़ा होगा। इस क्रूज का निर्माण चार महीने में पूरा होने की संभावना है। गंगा विलास के रेस्टोरेंट में एक साथ 40 लोग बैठ सकते हैं। भोपाल में बनाए जा रहे क्रूज में 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। यह 36.6 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 10 मीटर ऊंचा होगा। इसमें 20 सुइट होंगे जिनमें 150 से 200 लोग एक साथ रुक सकेंगे। गंगा विलास क्रूज में स्टाफ को छोड़कर 80 यात्रियों के रुकने के इंतजाम हैं। गंगा विलास को नदी में उतारा गया है। भोपाल में बन रहा क्रूज तालाब में उतारा जाएगा।

गंगा विलास के रेस्टोरेंट में एक साथ 40 लोग बैठ सकते हैं। भोपाल में बनाए जा रहे क्रूज में 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। यह 36.6 मीटर लंबा, 12 मीटर चौड़ा और 10 मीटर ऊंचा होगा। इसमें 20 सुइट होंगे जिनमें 150 से 200 लोग एक साथ रुक सकेंगे। गंगा विलास क्रूज में स्टाफ को छोड़कर 80 यात्रियों के रुकने के इंतजाम हैं। गंगा विलास को नदी में उतारा गया है। भोपाल में बन रहा क्रूज तालाब में उतारा जाएगा।

क्रूज में बेसमेंट के ऊपर तीन फ्लोर होंगे। फर्स्ट फ्लोर पर बैंक्वेट हॉल, डांस स्पेस और आठ सुइट होंगे। सेकंड फ्लोर पर 12 सुइट होंगे। क्रूज का ऑपरेटिंग केबिन थर्ड फ्लोर पर रहेगा, जिसमें 12 लोग रह सकेंगे। ये क्रूज 0.8 मीटर तक पानी में डूबा रहेगा। बेसमेंट में ही इंजन, इलेक्ट्रिकल और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सात वैक्यूम रूम भी रहेंगे।

क्रूज का स्ट्रक्चर माइल्ड स्टील का होगा। बीच में 8 मिमी और बॉडी में 6 मिमी मोटी एमएस प्लेट लगी रहेगी। इसका सेंटर ऐसे डिजाइन किया जा रहा है जिससे पानी की लहरों के बीच क्रूज में बैठे लोगों को झटके न लगें।

बड़े तालाब के किनारे क्रूज के फैब्रिकेशन और असेंबलिंग का काम शुरू किया गया है। इसके लिए 18 लोगों की टीम काम कर रही है। इसके निर्माण में गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जा रहा है। इसमें लगने वाले हर मटीरियल की जांच इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (आईआरएस) करेगा। आईआरएस से सर्टिफिकेट मिलने के बाद मटीरियल का इस्तेमाल किया जाएगा।

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