नई दिल्ली। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के खुलने का इंतजार राम भक्त बेसब्री से कर रहे हैं। मकर संक्रांति के दिन इसके गर्भगृह में राम लला की मूर्ति की स्थापना के बाद जनवरी 2024 में मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मंदिर भूकंप प्रतिरोधी है। इसके 1,000 से अधिक वर्षों तक चलने के लिए पर्याप्त प्रबंध किया गया है।
राम मंदिर के निर्माण में 392 खंभों और 12 दरवाजों लगाए जा रहे हैं। बिना लोहे की छड़ों का इसके निर्माण किया जा रहा है। ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि पत्थरों को जोड़ने के लिए लोहे के बजाय तांबे के चिप्स का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्य मंदिर 350×250 फीट में फैला होगा। चंपत राय ने कहा कि पीएम मोदी के सुझाव पर मंदिर के खुलने के बाद उसके आसपास के पांच किलोमीटर के क्षेत्र में लोगों के आने-जाने के असर का आकलन करने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। मंदिर का निर्माण 1800 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्माण का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने काम की गति और गुणवत्ता पर संतुष्टि जताई है।
गर्भगृह में 160 खंभे होंगे। पहली मंजिल में कुल 82 खंभे होंगे। कुल मिलाकर संरचना में सागौन की लकड़ी से बने 12 प्रवेश द्वार होंगे। इस मंदिर में एक राजसी मुख्य प्रवेश द्वार होगा, जिसे ‘सिंह द्वार’ के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा पहली मंजिल पर ‘नृत्य’, ‘रंग’ और ‘गूढ़’ मंडप होगा।
2.7 एकड़ क्षेत्र में फैले इस मंदिर के निर्माण में राजस्थान से लाए गए ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जा रहा है। परियोजना प्रबंधक जगदीश अपाले ने कहा कि गर्भगृह का निर्माण इस तरह किया गया है कि राम नवमी पर सूर्य की किरणें राम लला की प्रतिमा पर पड़े।