मध्य प्रदेश के मंदसौर में प्रशासन ने जूनियर नेशनल हॉकी प्लेयर सागू डाबर का आशियाना तोड़ दिया है। सागू प्रशासन से मोहलत मांगती रहीं लेकिन अधिकारियों को 19 वर्षीय आदिवासी बेटी की आंसुओं पर कोई तरस नहीं आया। झोपड़ी टूटता देख सागू की विधवा मां मेघा डाबर फूट-फूटकर रोती रहीं। प्रशासन के जुल्म से हताश होकर उनकी बड़ी बहन ने केरोसिन छिड़कर आत्मदाह का प्रयास भी किया।
सागू का परिवार पिछले 40 वर्षों से मंदसौर स्थित नूतन स्टेडियम ग्राउंड पर झोपड़ी बनाकर रह रहा है। सरकारी कागजों में यह अवैध अतिक्रमण था। मंगलवार को मामा का बुलडोजर आया और भांजी को बेघर कर दिया। सागू के मुताबिक उनका परिवार प्रशासन से कुछ दिनों की मोहलत मांगता रहा लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। इतना ही नहीं वे समान लेकर भी चले गए।
कौन हैं सागू डाबर
आदिवासी समुदाय से आने वाली 19 वर्षीय सागू एक दो नहीं बल्कि 10 बार नेशनल लेवल पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। सागू के पिता भुवन डाबर की 18 साल पहले मौत हो चुकी है। एक भाई जो कमाने वाला था कुछ साल पहले उसकी भी करंट लगने से मौत हो गई। इन दुखों के पहाड़ के साथ भी सागू की मां मेघा डाबर ने सागू का हौसला कभी कम नहीं होने दिया। उनकी मां आस–पड़ोस के घरों में झाड़ू, पोछा और बर्तन माँझती हैं। पहले सागू भी मां की मदद करती थी।