उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में हर त्योहार सबसे पहले मनाए जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। रंगो का उत्सव होली भी यहां पर शुरू हो चुका है और आज भस्म आरती के बाद भोले बाबा के साथ फूलों की होली मनाई गई।
सुबह 4 बजे पट खोलने के पश्चात बाबा महाकाल को जल से स्नान करवाया गया इसके बाद दूध, दही, शहद, घी और फलों के रस से अभिषेक किया गया। इसके बाद बाबा को 40 क्विंटल फूल अर्पित कर होली का त्योहार मनाया गया। इस दौरान रजत त्रिशूल, त्रिनेत्र, मोगली और गुलाब के फूलों से बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया।
लंबे समय से चली आ रही मान्यता हुए होली का त्योहार भी महाकालेश्वर के आंगन में सबसे पहले शुरू किया गया। भांग, चंदन, सिंदूर और आभूषणों से सजे महाकाल रजत मुंडमाला और शेषनाग मुकुट में नजर आए। पंडित पुजारी और भक्तों ने 40 क्विंटल फूलों के साथ महाकाल राजा के साथ होली का पर्व मनाया।
इसके बाद बाबा को मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया। भस्म आरती में महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई और बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु भाव विभोर होकर बाबा को निहारते हुए दिखाई दिए।