छिंदवाड़ा : महाराष्ट्र राज्य के अमरावती में डॉ. पंजाबराव देशमुख विदर्भ प्रशासनिक एवं विकास प्रशिक्षण प्रबोधिनी में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी की उपस्थिति में दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों की बैठक आयोजित की गई। जिसमें मध्यप्रदेश के बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा एवं महाराष्ट्र के अमरावती, नागपुर, भंडारा, गोंदिया, बुलढाणा जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि सीमावर्ती जिलों की समस्याओं के समाधान के लिए दोनों पक्षों के प्रशासन के बीच आपसी चर्चा जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव के अनुसार इस बैठक का आयोजन किया गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जो समस्या राज्य स्तर पर हल करने लायक होगी उसे हल करने के लिए दोनों राज्यों के अधिकारी चर्चा कर राज्य शासन को सूचित करेंगें और इसी तरह की समन्वय बैठक में उसका हल निकाला जायेगा।
उन्होंने कहा कि आपदा के साथ-साथ बाढ़ की स्थिति आदि के समय में एक दूसरे से पूर्व चेतावनी प्राप्त करना आवश्यक है। हर जिले को ऐसी समन्वय व्यवस्था लागू करनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बालाघाट, गोंदिया, भंडारा जिलों में समन्वय कर सारस संरक्षण गतिविधियों जैसी कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू किया जा सकता है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बैठक में कहा कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्रों के सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन का अच्छा आपसी समन्वय है।
उन्होंने इसे विस्तृत और सुदृढ़ करने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के सीमा मुद्दों को सौहार्द्रपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए। इसके लिए लगातार आपसी तालमेल बनाए रखना चाहिए। स्थानीय स्तर पर बाढ़ की स्थिति और सिंचाई परियोजनाओं से संबंधित मुद्दे उपायों की योजना बनाई जानी चाहिए और उन्हें समन्वय से हल किया जाना चाहिए। प्रवासी मजदूरों की समस्या के समाधान के लिए उनका रिकॉर्ड बनाया जाए और एक विशेष ऐप बनाकर नियमित किया जाए ताकि उनकी जानकारी दोनों राज्यों में प्रशासन के साथ साझा की जा सके। उन्होंने कहा कि अवैध गौवंश की तस्करी, मानव तस्करी, अवैध खनिज खनन और परिवहन, अवैध हथियार, गुटखा, शराब आदि नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने सीमा चौकियों पर पर्याप्त पुलिस बल लगाया जाये और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया जाये। इसके साथ ही वहां सीसीटीवी सिस्टम लगाया जाए और कड़ी निगरानी रखी जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नक्सली गतिविधियों के खात्मे के लिए दोनों राज्यों की पुलिस समन्वय बनाकर अभियान चलाये।
श्रमिकों को ले जाने वाले ठेकेदारों पर होगी कार्यवाही
बालाघाट कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा बताया कि बैठक में प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आरबीसी-6-4 के राहत प्रकरणों में पड़ोसी राज्य के लोगों को राहत देने के संबंध में चर्चा की गई। दोनों राज्यों में अप्रवासी लोगों का डाटा तैयार करने, मध्यप्रदेश के जिलों से श्रमिकों को महाराष्ट्र ले जाने वाले ठेकेदारों की सूची तैयार करने एवं ऐसे अपंजीकृत ठेकेदारों पर कठोर कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है। बैठक में बताया गया कि महाराष्ट्र राज्य से मध्यप्रदेश में आने वाली सरकारी बसों को बस स्टेंड में रोकने के लिए स्थान नहीं दिया जाता है। इस समस्या का शीघ्र हल करने का निर्णय लिया गया। पेसा एक्ट को लेकर गोंदिया कलेक्टर के साथ संयुक्त बैठक करने का निर्णय लिया गया। लांजी में एनीकट निर्माण एवं गोंदिया एवं भंडारा जिले के साथ मिलकर सारस संरक्षण परियोजना पर कार्य करने का निर्णय लिया गया।
एक साल में 06 नक्सली मार गिराने पर बालाघाट जिले की प्रशंसा
पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने बैठक में बताया कि अंतर्राज्यीय समन्वय अच्छा होने के कारण बालाघाट जिले में वर्ष 2022 में 06 नक्सलियों को मार गिराया गया है। बैठक में इसके लिए बालाघाट जिले की प्रशंसा की गई और अपेक्षा की गई कि आगे भी इसी तरह का अच्छा समन्वय बनाकर रखा जायेगा। गोंदिया पुलिस अधीक्षक द्वारा मुरकुट्टू कैंप में पर्याप्त बल रखने की बात कही गई। इस पर पुलिस अधीक्षक बालाघाट द्वारा बताया गया कि मुरकुट्टू कैंप में हाक फोर्स के जवान तैनात कर दिये गये हैं और आगे भी आवश्यक बल की कमी नहीं होने दी जायेगी। बैठक में गौवंश की तस्करी एवं अवैध परिवहन रोकने पर भी चर्चा की गई और दोनों राज्यों में सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्र में सघन मानीटरिंग की जायेगी और इस धंधे में लिप्त लोगों पर कठोर कार्यवाही की जायेगी। आवश्यक होने पर आसपास के स्लाटर हाउस (कसाई घर) संचालकों पर भी कार्यवाही की जायेगी। बैठक में तय किया गया कि दोनों राज्यों के बीच जिला बदर, संपत्ति संबंधी एवं अन्य अपराधियों की सूची साझा की जायेगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा सतत संयुक्त अभियान चलाये जाते रहेंगें और सीमावर्ती जिलों को नक्सलियों एवं अपराधियों की पनाहगार नहीं बनने दिया जायेगा।
बैठक में यह लोग हुए शामिल
बैठक में मध्य प्रदेश के राज्यपाल के प्रधान सचिव डी.बी. आहूजा, महाराष्ट्र राज्यपाल के प्रधान सचिव संतोष कुमार संयुक्त सचिव श्वेता सिंघल, संभागीय आयुक्त डॉ.दिलीप पंढरपट्टे, बालाघाट कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ, सिवनी कलेक्टर राहुल हरिदास फटिंग, छिंदवाड़ा कलेक्टर शीतला पटले, बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैस, बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल, खंडवा कलेक्टर अनुप कुमार सिंह, अमरावती कलेक्टर पवनीत कौर, भंडारा कलेक्टर योगेश कुम्भेजकर गोंदिया कलेक्टर चिन्मय गोटमारे, बुलढाणा कलेक्टर डॉ.एच.पी. तुम्मोद, नागपुर की अपर कलेक्टर आशा पठान समेत सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे। इस मौके पर अमरावती जिला प्रशासन ने दोनों राज्यपालों को अमरावती जेल के कैदियों द्वारा बनाई गई बैलगाड़ी की प्रतिकृति भेंट की। कार्यक्रम का संचालन पंकज शिरभाटे, सहायक प्राध्यापक, प्रबोधिनी द्वारा किया गया।