भोपाल : राजधानी भोपाल की नवनिर्वाचित महापौर मालती राय के खिलाफ लोकायुक्त जांच की फाइल खुल गई है। 15 साल पुरानी सड़कों के निर्माण में 39 पार्षदों को कॉन्ट्रैक्टर को 85 लाख रुपए का अधिक भुगतान करने के मामले में दोषी पाया गया था। और उस समय महापौर मालती राय भी उस परिषद में पार्षद थीं। नोटिस पर 26 जुलाई की तारीख दर्ज है, लेकिन महापौर मालती राय को 7 अगस्त को प्राप्त हुआ है।
दरअसल 2005 में एमपी नगर में विकास कार्य हेतु 5 करोड़ 45 लाख 70 हजार रुपये आवंटित किए गए थे। सीसी रोड, पाइप लाइन, सीवेज लाइन का काम होना था। जिसके बाद एक कम्पनी ने एसओआर से 7.2 फीसदी कम रेट पर ऑफर दिया था। उस दौरान बीजेपी पार्षदों के विरोध के कारण बहुमत के आधार पर टेंडर रद्द हुआ था। लेकिन फिर दुबारा से टेंडर बुलाया गया। और उसी कंपनी ने एसओआर से 8.38 प्रतिशत अधिक का ऑफर दिया गया। और इस कारण नगर निगम को 85 लाख रुपए अधिक भुगतान करने पड़े।
तत्कालीन लोकायुक्त रिपुसूदन दयाल ने इन सभी पार्षदों को अयोग्य घोषित करने और 85 लाख रुपए की वसूली करने की सिफारिश के साथ यह मामला संभागायुक्त को भेजा था। तब से कई संभागायुक्त बदल गए वहीं उस परिषद का कार्यकाल भी समाप्त हो गया, हालांकि यह मामला अब तक नहीं सुलझा।
उस दौरान बैरसिया विधायक विष्णु खत्री, पूर्व सांसद आलोक संजर, अनिल अग्रवाल, केवल मिश्रा, विष्णु राठौर,दिनेश यादव आदि उस समय पार्षद थे। और बीजेपी के रामदयाल प्रजापति परिषद अध्यक्ष थे।
वहीं जानकारी के अनुसार भोपाल संभागायुक्त गुलशन बामरा ने इस मामले की सुनवाई किसी अन्य से कराने का अनुरोध किया था। लेकिन शासन ने नर्मदापुरम के संभागायुक्त के रूप में मेरे पास यह मामला भेजा। जिसके बाद ही हमने सुनवाई के लिए नोटिस जारी किए हैं।