ग्वालियर। लोकसभा और विधानसभा के बाद अब सांसद व विधायकों को लामबंद करने का सिलसिला पंचायत तक पहुंच गया है। डबरा में 18 जनपद सदस्य अचानक नदारद हो गए हैं। बताया जा रहा है इन्हें कहीं बाहर ले जाया गया है।
देश की राजनीति में महाराष्ट्र का एपिसोड अभी खत्म भी नहीं हुआ और विधायकों का मुंबई टू सूरत फिर गोवाहटी फिर गोवा तक का सफर लोग भूले भी नहीं है। अब यह सिलसिला पंचायत चुनाव तक पहुंच गया है। दरअसल मध्य प्रदेश में दो चरणों के पंचायत चुनाव हो चुके हैं और वहां पर सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्यों के परिणाम अनौपचारिक रूप से सामने आ गए हैं। अब जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए लामबंदी शुरू हो गई है। ऐसे में ग्वालियर जिले की डबरा में खुद के पक्ष का अध्यक्ष बनाने के लिए प्रयास तेज है और इसी बीच 18 जनपद सदस्य अचानक नदारद हो गए हैं।
बताया गया है कि इन सब को मध्य प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है जो खुद बीजेपी में है और वे चाहती हैं कि हर हाल मे भाजपा का जनपद पंचायत अध्यक्ष बने। यह भी बताया गया है कि इन जनपद सदस्यों को कहीं बाहर ले जाया गया है ताकि कोई और उन्हें प्रलोभित न कर सके। यह सब इतनी गुपचुप और शांतिपूर्ण तरीके से किया गया कि विपक्ष को हवा ही नहीं लगी।अब विपक्ष के सामने सिर्फ लकीर पीटने के अलावा कोई चारा ही नहीं हालांकि अभी भी विपक्ष की कोशिशें जारी हैं कि किसी तरह से गए हुए जनपद सदस्यों को वापस बुलाया जाए लेकिन फिलहाल यह आसान नहीं लगता।विधायक सुरेश राजे का कहना है कि ज्यादातर जनपद सदस्य हमारे संपर्क मे थे,लेकिन हमसे चूक हो गयी।