भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके बारे में आज भी इतिहासकार खोजबीन करने में लगे हुए हैं| ऐसा ही एक भोजेश्वर मंदिर है, जो मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है| यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मगर मंदिर अधूरा बना हुआ है जिसे आज भी अनसुलझा रहस्य कहा जाता है। तो चलिए आपको मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथाएं और इतिहास के बारे में बताते हैं।
वो मंदिर जो कभी पूरा नहीं किया जा सका…
इस मंदिर को कभी पूरा नहीं किया जा सका क्योंकि युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं या फिर पैसे की कमी के चलते इस मंदिर को पूरा नहीं किया जा सका है। ये शिव मंदिर बहुत विशाल होने वाला था क्योंकि यहां पर मंदिर बनाने का सामान और कुछ नक्शे भी मिले थे जो ये साबित करते थे कि इस मंदिर को बहुत ज्यादा विशाल बनाया जाने वाला था। दरअसल, उस समय कुछ वैभवशाली राजा ही इतना बड़ा निर्माण करवा सकते थे।
40 फिट की मूरत और बिना दरवाज़े वाला मंदिर-
भोजपुर में खाली शिवलिंग ही 7.5 फिट का है। अगर शिवलिंग का अर्घा और इसका स्टैंड भी मिला लिया जाए तो इस पूरी मूर्ति की हाइट 40 फिट हो जाती है। इसकी चौड़ाई 17.8 फिट है और इसलिए ये भारत के सबसे ऊंचे शिवलिंग में से एक है। ये बड़े-बड़े खंबों पर टिका हुआ मंदिर है।
आस पास में पांडवों के पदचिन्ह, खेलने के लिए पार्क, शॉपिंग के लिए थोड़ी सी दुकानें जहां कई हैंडमेड चीज़ें मिलती हैं और इस पूरे मंदिर कॉम्प्लेक्स में बैठने की कई जगह भी हैं। कई परिवार यहां पर पिकनिक के लिए आते हैं।
क्या थी इसके पीछे की लोककथा
होशंगाबाद (भोपाल के पास मौजूद शहर) के सुल्तान होशंगशाह ने राजा भोज के इलाके में आक्रमण कर दिया था जब ये मंदिर बनाया जा रहा था। उस समय युद्ध के कारण इस मंदिर को पूरा नहीं किया जा सका, लेकिन इस मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह से किया जा रहा था कि ये सदियों तक चलता रहे और यही कारण है कि ये 1000 साल से ऐसे ही खड़ा है।