गहलोत कैबिनेट में फेरबदल की सुगबुगाहट, वेणुगोपाल-माकन की 22 अगस्त को कांग्रेस विधायकों संग मीटिंग…

जयपुर : राजस्थान में गहलोत कैबिनेट में एक बार फिर फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है। 22 अगस्त को जयपुर में कांग्रेस की अहम बैठक प्रस्तावित है। मीटिंग में शामिल होने के लिए संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन जयपुर पहुंच रहे हैं।  हालांकि, मीटिंग का एजेंडा अभी सामने नहीं आया है। पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेता  22 अगस्त को 11 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों, विधायकों, निवर्तमान जिला अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

बताया जा रहा है कि प्रदेश समेत देश के कई अहम मसलों पर विचार विमर्श होगा। कयास यह भी लगाए जा रहे है कि राजस्थान से फिर एक बार पार्टी की ओर से राहुल गांधी की ताजपोशी का प्रस्ताव एआईसीसी को भेजा जाए। प्रमुख नेताओं का राजस्थान दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राजस्थान में एक बार फिर मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर सुगबुगाहट चल रही है। कुछ राजनीतिक नियुक्तियां भी अभी बची हुई हैं। ऐसे में जब संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन राजस्थान दौरे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ बैठक करेंगे। मीटिंग में मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाओं को लेकर भी इसमें चर्चा होगी।

प्रदेश के 13 जिलों से नहीं है कोई मंत्री

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के अंत में होने हैं। राज्य के एक दर्जन जिलों में कांग्रेस का कोई भी विधायक मंत्री नहीं है। मंत्रिमंडल फेरबदल के जरिए जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन साधने का पर मीटिंग में मंथन हो सकता है। आदिवासी अंचल के तीन जिलों उदयपुर, डूंगरपुर औऱ प्रतापगढ़ से कोई मंत्री नहीं है। इनमें से कई तो ऐसे जिले है जहां कांग्रेस को छप्पर फाड़ सीटें मिली है। लेकिन इन जिलों में कोई मंत्री नहीं है। सिरोही, धौलपुर,टोंक, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, गंगानगर, चूरू, अजमेर, जोधपुर और सीकर से कोई मंत्री नहीं है। सीकर से एकमात्र गोविंद सिंह डोटासरा थे, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद अब कोई मंत्री नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि इन जिलों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया तो विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ सकता है।

असंतोष को दबाने की कवायद

राजस्थान की राजनीति में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच भले ही सुलह हो गई हो लेकिन खटास बरकरार है। हाल ही के दिनों में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच जुबानी जंग भी हुई है। गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना जमकर निशाना साधा था। सीएम गहलोत ने कहा कि कुछ नेता कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के के नाम पर कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं। हालांकि गहलोत ने पायलट का नाम नहीं लिया लेकिन इशारा पायलट की तरफ ही था। सचिन पायलट ने भी जालौर में दलित छात्र की मौत के मामले में सीएम गहलोत को निशाने पर ले लिया था। पायलट ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है। माना जा रहा है कि केसी वेणुगोपाल और अजय माकन पार्टी विधायकों एवं पदाधिकारियों से चर्चा कर रणनीति बनाएंगे। 

 

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