मध्य प्रदेश में राम जन्मोत्सव पर होगा भव्य उत्सव, 11 लाख दीपों से जगमगाएंगे ओरछा और चित्रकूट

भगवान राम के जन्मोत्सव रामनवमी को मध्य प्रदेश सरकार ने भव्य रूप में मनाने का फैसला किया है। रविवार 10 अप्रैल को राम जन्मोत्सव के मौके पर मध्य प्रदेश की अयोध्या यानि की ओरछा और चित्रकूट में जनभागीदारी से साढ़े 5-5 लाख दीप जलाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओरछा और चित्रकूट को दीपों से जगमगाने के लिए नागरिकों से दीपोत्सव कार्यक्रम में जनभागीदारी करने की अपील की है।
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रामनवमी के अवसर पर आयोजित हो रहे दीपोत्सव कार्यक्रम को लेकर कहा कि भगवान श्री रामराजा जी के दरबार में उपस्थित होकर प्राकट्य पर्व पर दीप प्रज्ज्वलित करने के लिए नागरिक बंधु आमंत्रित हैं। ओरछा में रामनवमी पर जन-उत्साह का प्रदर्शन हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश के नागरिक जिस भी कार्य में भागीदारी करते हैं, उसके बेहतर परिणाम सामने आते हैं। विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की बात हो या कोरोना महामारी से बचाव और उसका सामना कर जन-समुदाय को सुरक्षित कराने का प्रश्न हो, मध्य प्रदेश की जनता ने दृढ़ संकल्प से सफलताएं प्राप्त की हैं। इसी तरह पर्वों और त्यौहारों में आमजन की भागीदारी जन-उत्साह और जन-उमंग का उदाहरण है।

हर्षोल्लास से मनाई जाएगी रामनवमी
उत्तर प्रदेश की अयोध्या में जिस तरह से दीपावली के मौके पर लाखों की संख्या में दीप जलाकर भव्य उत्सव मनाया गया था, उसी की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश में भी 10 अप्रैल को राम जन्मोत्सव मनाने की तैयारी की गई है। मध्य प्रदेश के चित्रकूट और ओरछा में 11 लाख दीयों के प्रज्जवलन के साथ रामनवमी का पर्व बड़े ही धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। श्रीराम राजा सरकार मंदिर परिसर, ओरछा और चित्रकूट के विभिन्न स्थानों पर साढ़े 5-5 लाख दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। बता दें इससे पहले उज्जैन में महाशिवरात्रि पर मध्य प्रदेश सरकार ने लाखों दीप प्रज्जवलित कर महाकाल की नगरी उज्जैन का नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया था। 

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रामनवमी के अवसर पर दीपोत्सव कार्यक्रम के पीछे लोगों को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की सौहार्दमय मूल भावनाओं से परिचित कराना और जनमानस में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों के प्रति सम्मान एवं जीवन में अनुकरण करने की भावना का विकास करना इसका उद्देश्य है। रामनवमी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहेंगे।

रामनवमी पर मनाया जाएगा चित्रकूट का गौरव दिवस
रामनवमी पर होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम की सभी तैयारियां भी पूर्ण कर ली गई हैं। राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि रामनवमी पर चित्रकूट और ओरछा का दृश्य भव्य और दिव्य लगे, इसके साथ ही उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों ही प्रदेशों के चित्रकूट की भव्यता में कोई अंतर न हो। जनभागीदारी से विकास के कार्यों को करने की मुख्यमंत्री चौहान की संकल्पना के अनुरूप सतना जिले की पवित्र धार्मिक नगरी चित्रकूट के गौरव के रूप में रामनवमी का चयन किया गया है। रामनवमी पर चित्रकूट का गौरव दिवस भी मनाया जाएगा। 

Ram Navami will be celebrated as Gaurav Diwas, 5 lakh lamps will be lit on  the artillery of Lord Shri Ram | गौरव दिवस के रूप में मनाई जाएगी रामनवमी,  भगवान श्रीराम

चित्रकूट का धार्मिक महत्व
मंदाकिनी नदी के किनारे बसा चित्रकूट हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। यहां भगवान राम ने देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के साढ़े ग्यारह साल बिताए थे। श्रीराम और भरत का मिलाप भी यहीं हुआ था। कामदगिरी पर्वत, सीतापुर, हनुमानधारा, कामतानाथ मंदिर यहां के प्रमुख स्थलों में शामिल हैं। कर्वी, सीतापुर, कामता, खोही और नया गांव के आस-पास का वनक्षेत्र चित्रकूट के नाम से विख्यात है। 

चित्रकूट धाम

ओरछा में किया जा रहा रामलीला का मंचन
रामनवमी के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप प्रदेश में भगवान श्री राम को समर्पित “प्राकट्य पर्व” का शुभारंभ 4 अप्रैल को ओरछा में किया गया है। संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से 10 अप्रैल तक चलने वाली रामलीला में टीवी और सिनेमा जगत के प्रतिष्ठित कलाकारों ने रामायण के पात्रों का अभिनय कर रहे हैं। ओरछा में विशेष रूप से रामलीला प्रस्तुति में लाइट और साउंड की व्यवस्था की गई, जिसमें संवाद एवं अभिनय संयोजित किए गए। रामलीला का आयोजन संस्कृति विभाग ने पहली बार किया गया। भगवान श्रीराम का किरदार तमिल फिल्मों के अभिनेता सुनील शर्मा, माता सीता का किरदार टीवी एक्ट्रेस परिधि शर्मा, लक्ष्मण का किरदार टेलीविजन के अभिनेता और गायक सुमित नागर, हनुमान का किरदार फिल्म अभिनेता बिन्दु दारासिंह और रावण का किरदार फिल्म अभिनेता पुनीत इस्सर ने निभाया। मुख्य अभिनेताओं के अलावा रामलीला में लगभग 75 कलाकारों की भागीदारी रही। सभी कलाकारों की प्रस्तुति ने भगवान श्री राम और रामायण की लीलाओं को दर्शकों के मन में जीवंत कर दिया। 

The organizer said - the purpose of Ramlila is to establish the reputation  of Rajaram sitting in Orchha at the world level. | आयोजक बोले- रामलीला का  उद्देश्य, ओरछा में विराजमान राजाराम

ओरछा में की गई श्री रामराज्य कला दीर्घा की स्थापना 
संस्कृति विभाग ने ओरछा में श्रीराम राज्य कला दीर्घा की स्थापना श्रीराम राजा सरकार मंदिर परिसर,ओरछा में कराई है। यह दीर्घा देश में अपनी तरह की पहली दीर्घा है। इस दीर्घा को पारम्परिक बुन्देली चित्र शैलियों में ओरछा के प्राचीन स्थापत्य के आधार पर निर्मित किया गया है। इस दीर्घा के लिए अलग-अलग 36 लोक चित्र शैलियों में श्रीराम के श्रेष्ठ चरित बनवाए गए हैं। 

ओरछा के रामराजा की अद्भुत कथा- महल मे विराजमान ओरछा के राजाराम – Kissa  Kahani

ओरछा का धार्मिक महत्व
मध्य प्रदेश की अयोध्या यानि ओरछा एक ऐसी जगह है, जहां भगवान राम के निवास की बात कही जाती है। ओरछा देश का एकमात्र ऐसा स्थल है जहां भगवान राम की राजा राम के रूप में पूजा की जाती है। निवाड़ी जिले में स्थित बेतवा नदी के तट पर बसे ऐतिहासिक शहर ओरछा की स्थापना 16 वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत प्रमुख रुद्र प्रताप ने की थी। ओरछा और अयोध्या का संबंध करीब 600 साल पुराना है। ओरछा के संबंध में कहा जाता है कि संवत 1631 में चैत्र शुक्ल नवमी को महारानी कुंवरि की जिद पर जब भगवान राम ओरछा आए तो उन्होंने संत समाज को यह आश्वासन भी दिया था कि उनकी राजधानी दोनों नगरों में रहेगी। उस समय यह बुन्देलखण्ड की ‘अयोध्या’ बन गया। आज दुनियाभर के भक्त ओरछा में राजा राम के रूप में भगवान राम की पूजा करते हैं। इसी कारण इस मंदिर में राम की पूजा भगवान के रूप में नहीं बल्कि, राजा के रूप में होती है। 

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राजाराम की नगरी ओरछा में भगवान राम एक राजा के रूप में विराजे हैं, जिसके चलते उन्हें चार बार आरती में सशस्त्र सलामी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। राम राजा मंदिर में पुलिस सुबह और शाम सलामी देती है। यहां मध्य प्रदेश पुलिस के जवान सूर्योदय और सूर्यास्त पर बंदूकों से सलामी देते हैं। मंदिर से जुड़ी एक खास बात ये भी है कि पूरे ओरछा नगर के परिसर में यह गार्ड ऑफ ऑनर रामराजा के अलावा देश के किसी भी वीवीआईपी को नहीं दिया जाता, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी यहां गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाता है। मंदिर में भक्तों को पान का बना हुआ प्रसाद खिलाया जाता है।