गर्मियों में अब नहीं होगी बिजली की किल्लत, सरकार ने लॉन्च किया HP-DAM पोर्टल…

नई दिल्ली : गर्मियों के मौसम में बिजली की डिमांड को देखते हुए सरकार ने तैयारियां कर ली है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पीक डिमांड सीजन में बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए स्पेशल पोर्टल लॉन्च किया है, जिसकी मदद से ऊर्जा कंपनियां बिजली की खरीद कर सकती हैं। इस पोर्टल पर एक विशेष श्रेणी के विक्रेताओं से बिजली खरीद की तय की गई अधिकतम 12 रुपये प्रति यूनिट से ज्यादा कीमत चुकाकर बिजली की खरीद की जा सकती है। केंद्र सरकार की ओर से ये पोर्टल ऐसे समय पर लॉन्च किया गया है, जब माना जा रहा था कि आने वाली गर्मियों में बिजली मांग 239 गीगावॉट को छू सकती है। पावर मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा हाई प्राइस डे अहेड मार्केट और सरप्लस पावर पोर्टल को लॉन्च किया है।

फरवरी में मिली थी मंजूरी

फरवरी की शुरूआत में पावर नियामक सीईआरसी ने HP-DAM पोर्टल को मंजूरी दी थी, जहां बिजली को पावर कंपनियां 50 रुपये प्रति यूनिट तक बेच सकती है। HP-DAM गैस और आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को पीक डिमांड सीजन में मांग को पूरा करने के लिए महंगी बिजली बनाने और बेचने में मदद करेगा।

सरकार रखेगी पूरी नजर

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की ओर से कहा गया कि केवल उन्हीं कंपनियों को HP-DAM पोर्टल पर 12 रुपये प्रति यूनिट से अधिक कीमत पर बेचने की इजाजत होगी, जिनकी बिजली उत्पादन करने की लागत इससे अधिक आ रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और ग्रिड नियंत्रक यह सुनिश्चित करेगा कि HP-DAM में कीमतें उचित रहें और इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि कोई भी बिजली उत्पादक अत्यधिक कीमत नहीं वसूले, जो उत्पादन लागत से बहुत अधिक है।

HP-DAM पोर्टल से होगा फायदा

ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने इस पोर्टल के फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि 50 रुपये प्रति यूनिट एक केवल टेक्निकल कैप है। बाजार में कीमत इससे काफी कम होगी। सरप्लस पावर पोर्टल अपनी तरह की अनूठी पहल है, जो बिजली मंत्रालय और नियामक की कार्य कुशलता को दर्शाता है।

2022 में लगाई गई थी  लिमिट

साल 2022 में विद्युत मंत्रालय के सामने ये तथ्य आया था कि कुछ एक्सचेंज में कई दिन कीमतें 20 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई थी. इसके बाद नियामक संस्था CERC को निर्देश दिए गए थे कि एक्सचेंज पर 12 रुपए की लिमिट लगा दी जाए. इसका उद्देश्य मुनाफाखोरी रोकना था. ये लिमिट एक अप्रैल 2022 से डे अहेड और रियल टाइम मार्केट में शुरू हो गई थी. इसके बाद छह मई 2022 से सभी सेगमेंट में लागू हो गई थी. इस कदम ने ग्राहकों के लिए कीमत को तर्कसंगत बना दिया था

Leave a Reply