बैंक ऑफ बड़ौदा सहित इन 3 बैंकों पर गिरी गाज, आरबीआई ने लगाया करोड़ों का जुर्माना, ये है वजह, पढ़ें पूरी खबर…

नई दिल्ली : रिजर्व बैक ऑफ़ इंडिया ने नियमों का उल्लंघन करने पर तीन बैंकों के खिलाफ एक्शन लिया है। इस लिस्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा, सिटी बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक पर जुर्माना लगाया गया है। आरबीआई ने सबसे ज्यादा पेनल्टी सिटीबैंक पर लगाई है। इस संबंध में केन्द्रीय बैंक ने शुक्रवार को बयान भी जारी किया है।

बैंक ऑफ बड़ौदा

पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ बड़ौदा पर आरबीआई ने 4.34 करोड रुपये का जुर्माना लगाया है। कुछ खातों के संबंध में आरबीआई को प्रस्तुत किए गए बड़े एक्स्पोज़र पर देता की सटीकता और अखंडता सुरक्षित करने में BoB विफल रहा। आरबीआई के बयान के मुताबिक आरबीआई के बयान के मुताबिक बैंक ने कुछ परियोजनाओं के लिए एक परिकल्पित बजट या संशोधनों के बदले में एक कॉरपोरेशन को टर्म लोन प्रदान किया, प्रोजेक्ट के व्यवहार्यता और बैंक योग्यता पर कुछ खास मेहनत किए बिना ही लोन प्रदान किया गया। राजस्व धाराएं सेवा दायित्व की देखभाल के लिए पर्याप्त थी। इसके अलावा बैंक द्वारा सब्सिडी के जरिए सरकार से प्राप्त होने वाली राशि के खिलाफ एक कॉरपोरेशन को कार्यशील पूंजी मांग ऋण स्वीकृत किया गया। वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वीकार किए गए डिपॉजिट पर ब्याज का भुगतान भी नहीं किया गया।

सिटीबैंक पर लगा 5 करोड़ का जुर्माना

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 2 नवंबर 2023 के आदेश अनुसार सिटी बैंक पर 5 करोड रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया है।  बैंक निर्धारित समय अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में पात्र राशि जमा करने में विफल रहा। बैंक द्वारा कुछ स्टाफ सदस्यों को कमीशन के रूप में पारिश्रमिक का भुगतान किया गया। इसके अलावा एंटी मनी लॉन्ड्रिंग अलर्ट की निगरानी और निपटान/समापन को एक समूह कंपनी को आउटसोर्स किया गया।

इंडियन ओवरसीज बैंक पर लगा इतना जुर्माना

रिजर्व बैंक ने IOB पर एक करोड रुपये की पेनल्टी ठोकी है। आरबीआई द्वारा जारी किए गए “लोन और एडवांस-वैधानिक और अन्य प्रतिबंध” से जुड़े निर्देशों का अनुपालन बैंक नहीं कर पाया।

आरबीआई ने क्या कहा?

आरबीआई ने पेनाल्टी लगाने से पहले सभी बैंकों को कारण बताओं नोटिस जारी किया। नोटिस पर बैंकों के जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार विमर्श करने के बाद ही केंद्रीय बैंक द्वारा नियमों के उल्लंघन के आरोप को प्रमाणित करते हुए मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। ‌रिजर्व बैंक ने स्पष्ट कर दिया है कि इस कार्रवाई का असर ग्राहकों और बैंक के बीच हो रहे लेनदेन पर नहीं पड़ेगा।

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