प्यार की मिसाल है ये ऐतिहासिक इमारतें

ताज महल

बचपन से लेकर अब तक हम ताजमहल की खूबसूरत कहानी को सुनते आए हैं। ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने 1631और 1648 बीच में बनवाया था। मूल रूप से ताजमहल एक मकबरा है जो शाहजहां ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाया था। इतिहास के अनुसार मुमताज महल की मृत्यु प्रसव के दौरान हुई थी जिसके बाद शाहजहां उनकी याद में बिलखते थे। शाहजहां मुमताज महल से इतना प्यार करते थे कि उन्होंने एक ऐसा इमारत बनवाने का जिम्मा उठा लिया था जो बहुत अद्भुत हो उनके प्यार की निशानी हो। जब शाहजहां की मृत्यु हुई थी तब मुमताज महल के मकबरे के बगल में ही शाहजहां को दफनाया गया था। यह इमारत इतना खूबसूरत है कि यह दुनिया के सात अजूबों में शुमार है।

चित्तौड़गढ़ किला

भारत के कुछ प्रसिद्ध किलों में चित्तौड़गढ़ का किला भी शामिल है जिसे यूनेस्को के हेरिटेज साइट में जगह मिली है। इस महल का मुख्य आकर्षण रानी पद्मावती का महल है जो तीन मंजिला है। रानी पद्मावती का महल कमल कुंड के किनारे स्थित है। इस महल पर की गई नक्काशी लोगों को अचंभे में डाल देती है। चित्तौड़गढ़ का किला रानी पद्मावती और राजा रतन रावल सिंह की प्रेम कहानी को दर्शाता है। कठिन परीक्षाओं को देने के बाद राजा ने रानी पद्मावती को अपना बनाया था। यह महल बहुत भव्य है जिसकी दीवारों पर की गई नक्काशी लोगों को खुशनुमा बना देती है।

रूपमती मंडप

रूपमती मंडप अपने मनोरम दृश्य और वास्तुकला के वजह से पूरी दुनिया में प्रख्यात है। यह मंडप मैदान से 366 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है जो मध्य प्रदेश के मांडू शहर में स्थित है। इसके चौकोर मंडप, गुंबद और मेहराब में शिल्पकारी की गई है। यहां से आप नर्मदा नदी को भी देख सकेंगे। यह महल राजकुमार बाज बहादुर और रानी रूपमती की प्रेम कहानी का साक्षी है।

इस महल का निर्माण करने के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी छिपी हुई है। सुल्तान बाज बहादुर मांडू के अंतिम स्वतंत्र शासक थे जो मालवा की रानी रूपमती की आवाज पर अपना दिल दे बैठे थे। सुल्तान ने रूपमती से शादी करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन रूपमती सिर्फ एक शर्त पर शादी करने के लिए तैयार थीं। उन्होंने राजा से कहा था कि अगर वह उनके लिए ऐसे भव्य महल का निर्माण कराएंगे जहां से वह नर्मदा नदी को देख सकेंगी तो ही वह राजा से शादी करेंगी। रूपमती का शर्त स्वीकार करते हुए राजा ने इस महल को बनाने का आदेश दिया था।

मस्तानी महल

मस्तानी महल इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। 1730 में इस महल का निर्माण करवाया गया था। इस महल को पेशवा बाजीराव ने अपनी दूसरी पत्नी मस्तानी के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि इसी महल में दोनों एक साथ रहते थे। बाजीराव के परिवार को उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी पसंद नहीं थी क्योंकि उनकी धार्मिक निष्ठाएं बहुत अलग थीं। बाजीराव मस्तानी से बेइंतहा प्यार करते थे इसीलिए उन्होंने शनिवारवाड़ा में इस महल को बनवाया था। कहा जाता है कि जितनी सुंदर बाजीराव की दूसरी पत्नी मस्तानी थी उतना ही सुंदर यह महल था।