वैसे तो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपने दौर में कई अभिनेत्रियों के साथ काम किया है और ऐसी गिनी-चुनी अभिनेत्रियां ही है जिनके साथ अमिताभ ने बहुत कम फ़िल्में की हो। उन अभिनेत्रियों में मुमताज़ का नाम भी आता है। वैसे तो अमिताभ बच्चन का फिल्मों में आगमन भी ऐसे समय पर हुआ था जब मुमताज अपने करियर में कई सफलताएं हासिल कर टॉप की अभिनेत्रियों में मानी जाती थी और अमितजी का शुरुवाती दौर था।
इन दोनों ने जिस फिल्म में साथ में काम किया उनमें से एक फिल्म थी ‘बंधे हाथ’। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और मुमताज़ लीड एक्टर थे। ये फिल्म १९७३ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म को कुछ ज्यादा कामयाबी तो नहीं मिली थी, मगर इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक मजेदार वाक्य जरूर हुआ था। जिसे अमिताभ बच्चन भी अक्सर याद करते है।
अमितजी के मुताबिक मुमताज़ भले ही उस समय की बड़ी नायिका थी, मगर उन्होंने कभी ऐसा जाहिर नहीं होने दिया। सेट पर मुमताज़, अमिताभ के साथ काफी अच्छी तरह से शूटिंग किया करती थी। अमिताभ के बड़ी अदाकारा होने का अंदाजा आप इसी से लगा सकते है कि वो उस समय सेट पर सबसे महंगी कारों में से एक मर्सडीस से आया करती थी और अमितजी एक साधारण सी गाड़ी में आते थे।
एक दिन अमितजी के मन में मर्सडीस कार चलाने की इक्षा पैदा हो गयी। अपनी इस इक्षा को अमिताभ ने फिल्म बंधे हाथ के सेट पर दोस्तों के सामने जाहिर की, कि एक दिन वो भी मर्सडीस कार में घूमेंगे।
अमिताभ बच्चन की ये बातें मुमताज़ ने सुन ली थी। उस समय तो उन्होंने कुछ नहीं कहा। मगर जब एक दिन अमितजी शूटिंग करके निकलने लगे तो देखा कि उनकी गाड़ी गायब है। पता करने पर मालुम पड़ा कि अमिताभ की गाड़ी मुमताज़ ले गयी है और अपनी मर्सडीस कार की चाबी अमिताभ बच्चन के लिए छोड़ गयी है
इतना ही नहीं मुमताज़ ने अमिताभ के लिए एक संदेशा भी दिया कि अमिताभ से कहना कि वो इस कार को अपने पास रखना चाहते है तब तक रख सकते है। मुमताज़ का ये अंदाज वैसे तो काफी आश्चर्यचकित करने वाला था। मुमताज़ की महान शख्सियत होने के इस पहलु को अमितजी अभी तक नहीं भूलें है।