भारत देश में कई विभिन्न प्रकार के जाती-धर्म और समुदाय के लोग रहते है और इन सभी धर्मों और समुदायों की अपनी अपनी परम्परायें भी होती है| मगर इन परम्पराओं को सुनकर कभी कभी कुछ अजीब सा भी लगता है| ऐसी ही एक अजीब परंपरा के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है|
भारत के गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में गरसिया नामक एक जनजाति निवास करती है| यह जनजाति मुख्य रूप से गुजरात के अरवल्ली और भीलोडा में और राजस्थान में सुरोहि और उदयपुर में निवास करती है| इनका रहन सहन और वेशभूषा की वजह से इन प्रजातियों की एक अलग ही पहचान है|
इस जनजाति की अनोखी प्रथा आज के मोर्डर्न सोसाइटी की लिव इन रिलेशनशिप संबंधों से काफी मिलती जुलती है| इस जाती का यहाँ एक बहोत बड़ा मेला लगता है, जहाँ जवान हो चुके लड़के और लड़कियां आते है और अपने मनपसंद साथी को ढूंढ़कर एक दूसरे के साथ रहना शुरू कर देते है|
इस दौरान इन्हें एक बच्चा पैदा करना पड़ता है| जिसके बाद ही इन दोनों की शादी को जाती की नियमानुसार मंजूरी दी जाती है| यदि किसी कारण बच्चा नहीं हुआ तो दोनों का रिश्ता टूट जाता है| इसके बाद ये दोनों फिर एक बार उसी मेले में शामिल होकर अपने लिए दूसरा पार्टनर ढूँढ़ते है और फिर से लिव इन रिलेशन में उनके साथ रहते है| इस अनोखी प्रथा को यहाँ ‘डापा’ प्रथा के नाम से जाना जाता है|
इतना ही नहीं अगर बच्चा हो भी गया तो कभी कभी पैसों की तंगी की वजह से या पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते अपनी शादी को टालते भी रहते है| जिसकी वजह से कभी कभी शादी होते होते इनकी आयु ५० वर्ष से भी ज्यादा की हो जाती है| कई बार तो ऐसा भी होता है कि शादी के समय इनकी बारात में बेटा-बेटी या फिर पोता-पोती भी नाचा करते है| कथित तौर पर इस जनजाति की यह प्रथा करीब १००० साल से भी ज्यादा पुरानी है|
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