उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की सावन और भादो में निकलने वाली सवारी का काफी महत्व माना जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा को निहारने के लिए उज्जैन पहुंचते हैं। उज्जैन वासियों में भी इस समय अच्छा खासा उत्साह देखने को मिलता है। सावन और भादो के अलावा कार्तिक में भी बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। आज कार्तिक अगहन मास की बाबा की पहली सवारी निकाली जाएगी।
एक बार फिर अपने राजा स्वरूप में चांदी की पालकी में सवार होकर अवंतिकानाथ तीर्थ पूजन के लिए मोक्षदायिनी शिप्रा के घाट पहुंचेंगे और शहर के विभिन्न मार्गो से होती हुए सवारी पुनः मंदिर पहुंचेगी। शाम 4 बजे सवारी का ही सिलसिला शाही ठाठबाट के साथ शुरू होगा।
कार्तिक-अगहन की 5 सवारी
इस बार कार्तिक-अगहन मास में बाबा महाकाल की पांच सवारी निकलेगी। 25 नवंबर को हरिहर मिलन है और इस दिन हर सृष्टि का भार एक बार फिर हरि को सौंपने के लिए पहुंचेंगे। इस दिन रात 11 बजे महाकाल की सवारी निकाली जाएगी और आतिशबाजी का दौर देखने को मिलेगा।
मनमहेश स्वरूप में महाकाल
कार्तिक-अगहन मास की पहली सवारी में बाबा महाकाल चांदी की पालकी में मन महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। दोपहर 3:30 बजे मंदिर के सभा मंडप में विधि विधान से मनमहेश स्वरूप का पूजन अर्चन किया जाएगा और शाम 4 बजे बाबा का नगर भ्रमण शुरू होगा।
महाकालेश्वर मंदिर से यह सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से रामानुज कोट पहुंचेगी और इसके बाद रामघाट पर शिप्रा जल से बाबा का अभिषेक पूजन किया जाएगा। इस दौरान भगवान की ओर से भी तीर्थ पूजन किया जाएगा। पूजन के पश्चात सवारी गणगौर दरवाजा से नगर में प्रवेश करेगी और कार्तिक चौक, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी।
कब-कब निकलेगी सवारी
20 नवंबर को बाबा की पहली सवारी है। इसके बाद 25 नवंबर को हरिहर मिलन की सवारी निकाली जाएगी। 27 नवंबर को तीसरी सवारी है। 4 दिसंबर को चौथी और 11 दिसंबर को पांचवी शाही सवारी निकाली जाएगी। सभी सवारियों में बाबा का राजसी ठाठबाट देखने को मिलेगा। कार्तिक अगहन मास की सवारी में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। इन दिनों वैसे भी देश-विदेश से श्रद्धालुओं के महाकाल दर्शन करने आने का सिलसिला लगातार जारी है और सवारी होने से यह भीड़ बढ़ सकती है।