उज्जैन : महाकाल लोक में स्थापित सप्तऋषियों की खंडित मूर्तियां बनकर उज्जैन आ गई हैं। इन मूर्तियों को दोबारा स्थापित कर दिया गया है, लेकिन इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही इनका लोकार्पण कर सकते हैं। 28 मई 2023 को शहर में आए आंधी-तूफान के कारण ये मूर्तियां जमीन पर गिरकर टूट गई थीं। इसके बाद प्रदेश में जबरदस्त राजनीति भी हुई। इन मूर्तियों के अभाव में महाकाल लोक की खूबसूरती कम हो गई थी, लेकिन अब जल्द ही श्रद्धालु इन मूर्तियों को महाकाल लोक में देख सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 11 अक्टूबर 2022 को महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद महाकाल लोक आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। तभी से महाकालेश्वर मंदिर और महाकाल लोक में श्रद्धालु बड़ी संख्या में आने लगे। बता दें, महाकाल लोक की मूर्तियां गुजरात की कंपनी ने बनाई हैं। मूर्तियों के रखरखाव की जवाबदारी 5 साल तक कंपनी की ही है।
430 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है महाकाल लोक
महाकाल लोक 430 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। यहां लगी अलग-अलग मूर्तियों की कीमत 45 करोड़ रुपये है। यह मूर्तियां 5 साल के लिए डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में है। इनकी उम्र 10 साल है। इन मूर्तियों के खंडित होने से शासन-प्रशासन को कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि जिस ठेकेदार ने काम किया है, उसे ही 5 साल के लिए मूर्तियों का रखरखाव करना है।
पहले की मूर्तियों से ये मूर्तियां ज्यादा मजबूत
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मूर्तियां बनवाने वाली एजेंसी ने ही अपने खर्चे पर नई प्रतिमाएं तैयार कराई हैं। 20 अगस्त को इनका लोकार्पण होने की संभावना है। मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि नई प्रतिमाएं मजबूत हैं। इनका बेस भी मजबूत रहेगा। स्टैंड पर इन्हें लोहे की रॉड और सीमेंट-कंक्रीट मटेरियल से स्थापित किया गया है। मूर्तियों के जॉइंट भी मजबूती से जोड़े गए हैं।