मध्य प्रदेश चुनाव के बीच हिमालय चलीं उमा भारती, अपनी ही सरकार के अधूरे काम गिनाए…

भोपाल : मध्य प्रदेश में चुनावी मौसम आ चुका है और इस दौरान उमा भारती ने हिमालय कूच करने का ऐलान कर दिया है। उन्होने ट्वीट करते हुए इस बात की घोषणा की कि वे आज ही अपने जन्मस्थान के लिए निकल रही हैं और फिर  वहां से ओरछा होते हुए हिमालय के लिए निकल जाएंगीं। इसी के साथ उन्होने अपनी ही पार्टी के कार्यकाल में अधूरे रह गए कार्यों की फेहरिस्त गिनाई है और कहा है कि वो प्रार्थना करेंगीं कि बीजेपी की सरकार बने और वो हम सबकी अधूरी रह गई आकांक्षाएं पूरी करे।

Stop 'abominable practice': Uma Bharti steps up attack on MP's liquor  policy, targets CM Chouhan

हिमालय जाने की घोषणा

हालांकि हिमालय जाने की बात वे अक्टूबर में भी कह चुकी थीं। दरअसल सितंबर में जब बीजेपी ने जन आशीर्वाद यात्रा प्रारंभ की थी तो उसके लिए उमा भारती को निमंत्रण नहीं दिया गया। इसके बाद उन्होने नाराजगी जताते हुए कहा था कि निमंत्रण न मिलने से उनके कद पर कोई असर नही पड़ेगा लेकिन इसके समापन कार्यक्रम में भी शामिल नहीं होंगीं। वहीं अक्टूबर में उन्होने एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘इस साल में कुछ समय के लिए कार्तिक मास में हिमालय एवं बद्री केदार जाने के लिए व्याकुल हूं।’ इससे साफ हो गया था कि वे विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार भी नहीं करेंगीं। अब उनके द्वारा हिमालय जान की घोषणा के बाद ये बाद पुख्ता हो गई है।

उमा भारती का ट्वीट

उमा भारती ने आज ट्वीट किया है कि “आज अपने जन्म स्थान ग्राम डूंडा, जिला टीकमगढ़ के लिए निकल जाऊंगी और आज से लेकर कल चतुर्दशी तक अपने मातृ कुल एवं पितृ कुल की कुल देवियों को प्रणाम करते हुए ओरछा रामराजा सरकार को माथा टेक कर हिमालय के लिए निकल जाऊंगी। इस साल में शिवराज जी ने एक आदर्श शराब नीति लाकर अभिनंदनीय कार्य किया। इन साढे तीन वर्षों के शिवराज जी के कार्यकाल में कई  जनकल्याणकारी कार्यों की भी शुरुआत हुई। हमारी पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवार घोषित हो गए, अभी मध्य प्रदेश में हमारी पार्टी का घोषणा पत्र आना बाकी है जिसके आधार पर हमारी पार्टी जनादेश मांगेगी।”

“मैं पूरी मेहनत करूंगी एवं भगवान से प्रार्थना भी करती हूं कि हमारी सरकार बने और मेरी और हम सबकी अधूरी रह गई आकांक्षाओं को पूरा करें। केन-बेतवा रिवर लिंक जो लगभग 2017 से शिलान्यास के लिए तैयार है।  गौ संवर्धन, गौ रक्षण के उपाय संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुंच पाए। पंच – ज अभियान संपूर्णता से नहीं हुआ, टुकड़ों में हुआ। धार भोजशाला की सरस्वती माई राज्य और केंद्र में हमारी सरकार होते हुए भी अपनी गद्दी पर वापस नहीं लौट सकीं। रायसेन के सोमेश्वर एवं विदिशा की विजया देवी के मंदिर के पट नहीं खुल सके जबकि हमारे केंद्रीय नेतृत्व के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी  ने मुझे इसका आश्वासन दिया था। अंत में मैं इस निष्कर्ष पर हूं कि 2003 से अभी तक डेढ़ साल को छोड़कर हमारी ही सरकार रही। लोगों के जिन सपनों को पूरा करने के लिए हमने कांग्रेस को  20 साल पहले ध्वस्त किया था, वह सपने कितने पूरे हुए उस पर अभी और आत्म चिंतन मैं अभी कुछ दिन हिमालय में बद्री–केदार के दर्शन करते समय करूंगी। अपनी जन्मभूमि के दो दिन के प्रवास पर मैं चुनावी आचार संहिता के सभी नियमों का पालन करूंगी।”

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