मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर उमा भारती के स्वर तेज, 2 अक्टूबर को करेंगी पथ संचालन , बताया इसे धर्म युद्ध…

भोपाल : मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के स्वर एक बार फिर तेज हो गए है। उमा भारती शराबबंदी को लेकर 2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती पर पथ संचालन करेंगी। साथ ही 2 अक्टूबर को सरकार के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होंगी। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। 

जानकारी के अनुसार भोपला के कर्फ़्यू वाली माता और काली मंदिर में आरती के बाद नीलम पार्क तक पथ संचालन करेंगी। शराबबंदी के खिलाफ गांधी प्रतिमा के सामने मौन रखा जाएगा। और पथ संचालन के बाद सरकारी कार्यक्रम में शामिल होंगी। उमा भारती शराब बंदी के लिए पथ संचालन को आंदोलन के रूप में पेश करेंगी। उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश को शराब एवं नशे में नहीं बहने देंगे यह हमारा संकल्प है।

उमा भारती ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अच्छाई एवं बुराई के संघर्ष की धारा चारों युगों में चलती है, हम अपने पक्ष को बदलेंगे नहीं, शराब एवं नशा हमारी दुश्मन है। हम इसके खिलाफ अपना संघर्ष निरंतर जारी रखेंगे। राम, गंगा एवं तिरंगा के लिए मैंने जैसे अपनी जान की बाजी लगाई, मेरे इस संकल्प में भी मैं दृढ़ हॅूं, हम सब मिलके इस दिशा में आगे बढें।

उन्होंने आगे लिखा कि मध्य प्रदेश से किए गए संकल्पों से सारा भारत प्रभावित होगा इसलिए हमें अपने इस अभियान के दृढ़ निश्चय से विचलित नहीं होना है। भारत माता की नाभि में नशा एवं शराब नहीं भर सकते हैं, मध्य प्रदेश को शराब एवं नशे में नहीं बहने देंगे यह हमारा संकल्प है। शराब एवं नशे के खिलाफ धर्म युद्ध हम तब तक जारी रखेंगे जब तक हमें परम लक्ष्य ना मिल जाए, गांधी जी के सपनो का भारत शराब एवं नशा से मुक्त भारत है, मध्य प्रदेश भारत के मध्य में होने के कारण भारत माता की नाभि है, यानि नाभिकीय केन्द्र है।

उमा भारती ने बताया कि हमने भी 2 अक्टूबर को अपने कार्यक्रम की घोषणा पहले सेही की हुई थी। किंतु अब सरकार के द्वारा स्वयं इस कार्यक्रम को आयोजित करने की घोषणा की गई है। एवं मुझे एवं आप सबको इस कार्यक्रम में भागीदार होने के लिए निमंत्रण दिया है। मुख्यमंत्री एवं मैं तथा अन्य कई गणमान्य अतिथिगण मौजूद रहेंगे। 

बता दें इसके पूर्व भी उमा भारती प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर कई बार आंदोलन का ऐलान कर चुकी है। और उनके इस ऐलान से भाजपा सरकार को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

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