भोपाल : नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर खुद के लिए 74 बंगले का B-9 बांग्ला मांगा है। पिछले काफी दिनों से इस बंगले का नंबर चर्चा में इसलिए है, क्योंकि अब इस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यालय संचालित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री के नाते शिवराज को पहले से ही B-8 बंगला आवंटित है।
कांग्रेस का आरोप:
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश की सियासत में गर्मी ला दी है। दरअसल पिछले काफी दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आवास को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा है। कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि शिवराज सिंह चौहान ने 74 बंगले स्थित B-9 बंगले पर भी कब्जा कर लिया है जबकि उनको पहले से ही B-8 बंगला आवंटित था।दरअसल B-9 बंगला इसके पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे भाजपा सांसद नंदकुमार चौहान को आवंटित था जिनकी 2020 में असमय मृत्यु हो गई।
बताया जाता है कि उनकी मृत्यु के बाद इस बंगले को जीर्णशीर्ण घोषित कर दिया गया और इसे गिराकर उसकी जगह भव्य कार्यालय का निर्माण किया गया। अब यह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यालय हो गया है और उनका निवास भी उसी से लगा हुआ है यानि एक ही परिसर के अंदर B9 और B-8 बंगले आ गए हैं और अब आधिकारिक रूप से B-9 बांग्ला अस्तित्व में है ही नहीं।
उमंग सिंघार ने की सीएम यादव से मांग
अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि शासकीय आवास क्रमांक बी-9, 74 बंगला उन्हे आवंटित किया जाये। उमंग ने लिखा है”
शासकीय आवास क्रमांक वी-9, 74 बंगला म.प्र. के आदिवासी वर्ग की महान नेता एवं प्रदेश की पहली महिला उपमुख्यमंत्री स्व. श्रीमती जमुना देवी को नेता प्रतिपक्ष होने के नाते वर्षों आवंटित रहा। वे आदिवासी समुदाय की नेता होने के साथ-साथ मेरी बुआ भी थी और बचपन से ही इस बी-9 शासकीय आवास में मैंने उनको दिन-रात प्रदेश के सर्वहारा वर्ग की सेवा में प्राणप्रण से जुटे देखा है। भावनात्मक रूप से मेरा इस शासकीय आवास से लगाव भी है।
अतः आपसे अनुरोध है कि नेता प्रतिपक्ष होने के नाते मुझे उक्त शासकीय आवास आवंटित कर अनुग्रहित करने का कष्ट करें।”
अब यह तो जाहिर है कि B-9 बंगला अस्तित्व में है ही नहीं और B-8 परिसर के अंदर इसके ऊपर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कार्यालय संचालित हो रहा है तो यह उमंग को कैसे आवंटित होगा। लेकिन सवाल यह भी है कि आखिरकार B-9 बांग्ला, जो 74 बंगले के सभी बंगलो के साथ बना था, आखिर इतना जीर्ण शीर्ण कैसे हो गया और बाकी बंगले अभी सही स्थिति में कैसे हैं। अधिकारियों ने किन परिस्थितियों और दबाव के चलते B-9 बंगले को गिराने का फैसला किया और अब इसे B-8 के अंदर ही समाहित कर दिया, यह सब जांच के विषय हैं।