अक्षय तृतीया से जुड़ी अनसुनी बातें

आज बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया है। इसे अक्षय तृतीया के रूप में मनाया जाता है और हिन्दू मान्यता के अनुसार आज के दिन स्नान, दान, हवन आदि शुभ कामों का अक्षय लाभ मिलता है। हिन्दू समय गणना के आधार पर त्रेता युग की शुरुआत अक्षय तृतीया से ही हुआ था। यह भी कहा जाता है कि नर-नारायण, हयग्रीव, पीतांबर और परशुराम का अवतार हुआ था। इसीलिए इनकी जयंती आज के दिन मनाई जाती है।
ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का आविर्भाव भी इसी दिन हुआ था। इस दिन श्री बद्रीनाथ जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है और श्री लक्ष्मी नारायण के दर्शन किए जाते हैं। प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खुलते हैं। वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी जी मन्दिर में भी केवल इसी दिन श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं, अन्यथा वे पूरे वर्ष वस्त्रों से ढके रहते हैं। पद्म पुराण के अनुसार इस तृतीया को अपराह्न व्यापिनी मानना चाहिए। इसी दिन महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था और द्वापर युग का समापन भी इसी दिन हुआ था।

अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा है और माना जाता है आज के दिन सोना खरीदने से समृद्धि मिलती है। इसके अलावा नए बर्तन और चांदी की खरीददारी की भी मान्यता है। कहा जाता है कि आज के दिन अपनी क्षमता के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए। इस दिन से प्रारम्भ किए गए कार्य अथवा इस दिन को किए गए दान का कभी भी क्षय नहीं होता। इस दिन लक्ष्मी-नारायण भगवान की पूजा सफेद कमल या सफेद गुलाब के साथ की जाती है।

बाल विवाह जैसी कुप्रथा : अन्धविश्वास 

राजस्थान के लिए प्रति​वर्ष अक्षय तृतीया का दिन काफी खास होता है। जिसका कारण इस दिन बड़ी संख्या में होने वाले बाल विवाह। शुक्रवार को अक्षय तृतीया के मौके पर प्रदेश में कोई बाल विवाह नहीं हो सके इसके लिए पु​लिस व प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए है। हाल ही में जोधपुर में बाल विवाह से सम्बधित दो मामले भी सामने आए थे।

हालांकि यह भी सच्चाई कि राजस्थान देश के उन चुनिंदा राज्यों में सम्मलित है जहां बाल विवाह जैसी कुप्रथा अभी भी प्रचलित है। सरकार भी मानती है कि प्रदेश में अभी भी करीब 35 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल से कम की उम्र में हो रही है। जिसमें अधिकतर शादी अक्षय तृतीया के मौके पर होती है। जबकि सामाजिक चिंतकों के अ​नुसार बाल विवाह का वा​स्तविक आंकड़ा सरकारी आंकड़ें से कही अधिक है। सरकार ने भी इसे रोकने के लिए कई उपाय किए हैं।