नई दिल्ली : आतंकवाद से निपटने को लेकर भारत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की दो दिवसीय बैठक आयोजित की जा रही है। इसमें आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट, नए भुगतान तंत्र और ड्रोन के इस्तेमाल से निपटने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने कहा कि “बैठक की शुरुआत आतंकवाद के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के साथ होगी।”
ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लीवरली भारत में बैठक में शामिल होने वाले विदेश मंत्रियों में शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा, “UNSC आतंकवाद रोधी समिति का आयोजन 28 और 29 तारीख को मुंबई और दिल्ली में होगा। बैठक का विषय आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती हुई प्रौद्योगिकी के उपयोग का मुकाबला करना होगा। बैठक की शुरूआत में आतंक के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।” भारतीय अधिकारी ने बताया कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लीवरली समेत अन्य देशों के विदेश मंत्री भारत में संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति के सम्मेलन में सम्मिलित होंगे।
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के भारत में होने वाले आतंकवाद रोधी सम्मेलन में आतंकवादियों द्वारा इंटरनेट, नई भुगतान प्रणालियों और ड्रोनों के उपयोग से निपटने पर विचार किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, रुचिरा कंबोज आतंकवाद विरोधी समिति की अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 2 दशकों में सदस्य देशों ने आतंकवाद और इसके लिए अनुकूल हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने में प्रगति की है। फिर भी आतंकी खतरा बना रहता है और हमारे काफी प्रयासों के बावजूद विकसित हुआ है।
उन्होंने कहा कि शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद सबसे गंभीर खतरों में से एक बना हुआ है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रसार और डिजिटलीकरण में तेजी से वृद्धि के साथ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग को संबोधित करना बढ़ती चिंता का विषय बन गया है।