भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार द्वारा एक हजार करोड़ का कर्ज लेने के मुद्दे पर कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर घेरा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदेश सरकार रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय के माध्यम से अपनी गवर्नमेंट सिक्योरिटिज का विक्रय कर बाजार से एक हजार करोड़ का कर्ज उठाने जा रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने प्रदेश सरकार पर हमला किया है।
विवेक तन्खा ने ट्वीट कर उठाए सवाल
विवेक तन्खा ने ट्वीट करते हुए कहा कि “यदि १००० हज़ार करोड़ के क़र्ज़ की यह खबर सही है तो मप्र सरकार ही मप्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। अपने चुनाव के चक्कर में प्रदेश को कंगाल कर जाएँगे। राजनीतिक चीफ सेक्रेटरी प्रधान मंत्री और अन्य विशिष्ट लोगो को सभाओं को सफल बनने में व्यस्थ्य।रीवा की १ सभा में १९ करोड़ खर्च हुआ। शिवराज सिंह चौहान जी ने मन बना लिया की मप्र कितने भी क़र्ज़ में डूब जाये; प्रदेश ४ लाख करोड़ क़र्ज़ के बोझ से सदियो तक पीड़ित रहे ; यद्यपि सरकारी ख़ज़ाने से हजारो करोड़ विज्ञापन और वोट के लिए शासकीय धन बाट कर जीत का एक मात्र रास्ता चुना। ऐसे प्रशासक देश के दोस्त है या दुश्मन।”
प्रदेश पर सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक कर्ज
बता दें कि कांग्रेस लगातार ही बीजेपी सरकार पर मध्य प्रदेश को कर्ज में डुबोने का आरोप लगाती आई है। अलग अलग समय पर लिए गए लोन के कारण अभी प्रदेश पर लगभग सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है। सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा पिछले 10 सालों में की गई घोषणाओं में से अब तक कई पूरी नहीं हो पाई हैं। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने इसे लेकर एक पत्र भी लिखा था। तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या चुनावों से पहले उन घोषणाओ को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार कर्ज ले रही है। चुनावों से पहले एक बार फिर सीएम शिवराज लगातार कई घोषणाएं कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें पूरा करने के लिए पैसों का इंतजाम कैसे होगा ? क्या ये कर्ज उन घोषणाओं को पूरा करने के लिए लिया जा रहा है। इस तरह के कई सवाल कांग्रेस लगातार उठाती आई है और एक बार फिर विवेक तन्खा ने सराकर को इस मुद्दे पर घेरा है।