मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुए साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर प्रदेश की सियासत गर्म है। सत्तारूढ़ दल के मंत्री, विधायक एवं अन्य नेता इशारों में एक समुदाय विशेष को टारगेट कर रहे हैं। हिंसा के वक़्त खरगोन में दिल्ली दंगों के कथित आरोपी व भाजपा नेता कपिल मिश्रा की मौजूदगी भी सवालों के घेरे में है। इसी बीच कांग्रेस ने ऐलान किया है कि पार्टी अपने स्तर पर इस पूरे घटना की तहकीकात करेगी।
दरअसल, कर्नाटक, राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश तीसरा राज्य है, जहां अगले साल चुनाव होने हैं और अचानक से साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा जा रहा है। कई लोग इस बात की आशंका जता रहे हैं कि खरगोन दंगे की पटकथा अगले साल चुनाव के मद्देनजर लिखी गई। दावा किया जा रहा है कि संगठन विशेष से जुड़े लोगों ने धार्मिक ध्रुवीकरण के मकसद से विवाद को तूल दिया और दंगा भड़काया गया।
बीजेपी नेताओं के ट्वीट्स भी इन दावों को हवा दे रहे हैं। दंगा शुरू होने के थोड़ी देर बाद बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा एक समुदाय विशेष टारगेट करते हुए लिखते हैं कि, ‘बुलडोज़र मामा के राज में इतनी हिमाक़त एक एक पत्थर का हिसाब होगा। आगज़नी की वसूली भी होगी। अब सोचो कितने पंचर जोड़ने पड़ेंगे।’ जब खरगोन में अल्पसंख्यकों के घर तोड़े जाने का वीडियो पोस्ट कर शर्मा एक ट्वीट में लिखते हैं कि जब तक तोड़ेंगे नहीं, तबतक छोड़ेंगे नहीं।