वॉटर विजन 2047 : पीएम मोदी ने किया शुभारंभ, कहा ‘अगले 25 वर्ष की अमृत यात्रा का महत्वपूर्ण आयाम’

भोपाल : दो दिवसीय ‘वॉटर विजन 2047’ का आयोजन भोपाल में हो रहा है। इस प्रथम अखिल भारतीय राज्य मंत्रियों के सम्मेलन ‘वॉटर विजन @ 2047’ का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली किया। कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह, सीएम शिवराज सिंह चौहान, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट सहित अलग अलग राज्यों के जल मंत्री शामिल हो रहे हैं। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि ‘जल संरक्षण के लिए वॉटर विजन@2047 अगले 25 वर्षों की अमृत यात्रा का एक महत्वपूर्ण आयाम है।’

पीएम मोदी ने दिया ये संदेश

‘देश के जल मंत्रियों का पहला अखिल भारतीय सम्समेलन बहुत महत्वपूर्ण है। आज भारत वॉटर सिक्योरिटी पर अभूतपूर्व काम कर रहा है, अभूतपूर्व निवेश भी कर रहा है। हमारी संवैधानिक व्यवस्था में पानी का विषय राज्यों के नियंत्रण में आता है। जल संरक्षए के लिए राज्यों के प्रयास देश के सामूहिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत सहायक होंगे। ऐसे में वॉटर विजन@2047 अगले 25 वर्ष की अमृत यात्रा के लिए बेहद महत्वपूर्ण आयाम है। सभी सरकारें एक सिस्टम की तरह काम करें। राज्यों में भी विभिन्न मंत्रालयों के बीच लगातार संपर्क और संवाद हो। इससे उन्हें अपनी प्लानिंग में भी मदद मिलेगी और इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए सब आपस में सहयोग कर आगे बढ़ेंगे।’

सीएम शिवराज ने कहा ‘जनभागीदारी से पाएंगे लक्ष्य’

कुशाभाऊ ठाकरे भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित सभी गणमान्य अतिथियों ने ‘कैच द रेन’ एवं देश की 75 वॉटर हैरिटेज संरचनाओं के समागम से युक्त ‘जल इतिहास’ पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही ‘नेशनल फ्रेमवर्क ऑन सेफ यूज ऑफ ट्रीटेड वाटर’ पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सीएम ने कहा कि ‘वॉटर विजन 2047″ भोपाल में हो रहा है, और भोपाल जल प्रबंधन का उत्तम उदाहरण है। हमारे यहां एक कहावत है “तालों में भोपाल ताल बाकी सब तलैया”। भोपाल ताल को बने हुए 1000 साल से ज्यादा हो गए। राजा भोज की प्रतिमा हमने इसी तालाब में लगवाई है। आज भी भोपाल को एक तिहाई पेयजल की आपूर्ति से बड़े तालाब से होती है।”वॉटर विजय 2047” के आयोजन का दुर्लभ अवसर मध्यप्रदेश को मिला है।होगा। आज गुणीजनों के चिंतन-मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको मध्यप्रदेश की धरती पर जनता तक पहुंचाने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। जनभागीदारी से हम वॉटर विजन 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने का हरसंभव प्रयास करेंगे।’

जल्द आएगी मध्य प्रदेश की जल नीति

इसी से साथ मुख्यमंत्री ने प्रतिदिन एक पेड़ लगाने के संकल्प अंतर्गत कहा कि ‘कल मेरे साथ आप सभी पेड़ लगाएं। हम उस गार्डन को वाटर विजन गार्डन नाम देंगे।’ उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में हमने 2007 में जलाभिषेक अभियान प्रारंभ किया। जिलों में जल संसद, जल सम्मेलन और गाँवों में जलयात्राओं के माध्यम से जनता को जोड़ने का प्रयास किया। हमने 4 लाख से ज्यादा वॉटर बॉडी बनाई है। मध्यप्रदेश अपनी जलनीति बना रहा है जिसमें सारे आयाम शामिल रहेंगे कि हम कैसे पानी बचाएं, कैसे पानी बढ़ाएं, कैसे वर्षा जल को रोककर रखें, कैसे वेस्ट वॉटर को रिसाइकिल करके उपयोग में लाएं। इसके प्रयास हम कर रहे हैं। कल मेरे साथ आप सभी पौधे लगाएं। पेड़ और पानी का चोली दामन का साथ है। हम उस गार्डन को वॉटर विजन गार्डन नाम देंगे। सीएम ने कहा कि हम सब पौधे लगाकर पानी बचाने का संदेश पूरे देश को देंगे और इससे सभी को पानी बचाने की प्रेरणा मिलेगी।

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