उज्जैन : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन जिले के नागदा में विधानसभा कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया, सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम को लेकर हम एक अच्छे शासक की कल्पना करते हैं। कोई शासक राजा भी कितना लोकप्रिय हो सकता है यह प्रभु श्री राम से हमें सीखने को मिलता है। हम प्रभु श्री राम को भगवान मानते है, उनके जीवन जीने के विविध प्रकार के रूप को जब देखते हैं तो हर बार अलग ही रूप दिखाई देता हैं।
हर जगह वो अलग कहानी कहते दिखाई देते हैं। ऐसे भगवान श्रीराम जिन्होंने अपने पूरे जीवन मे सदैव कष्ट उठाकर पूरे समाज में अच्छाई बांटने का प्रयास किया। काल के प्रवाह में आक्रांताओं ने हमको नष्ट करने से पहले, हमारे देवी देवताओं के मंदिरों को नष्ट-भ्रष्ट किया था।
लेकिन वो काल हमारे गुलामी का काल था।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि कांग्रेस अपने नेताओं के अंदर झांक कर देख ले। प. मदन मोहन मालवीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष थे, उन्होंने क्यों काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की, आपको हिंदू शब्द से इतनी नफरत है, वो हमने नहीं किया। लेकिन हिंदू होने का क्या महत्व है ये आप के ही कांग्रेस के पूर्ववर्ती राष्ट्रीय अध्यक्ष से प्रमाण दिखाई पड़ता है। उनसे पहले लाला लाजपत राय ने क्यों गणेश उत्सव की स्थापना की, क्योंकि हमारी संस्कृति को जानने के लिए उपक्रम आपको करने पड़ेगे, लेकिन ये वही कांग्रेस है, जवाहरलाल नेहरू सोमनाथ का विरोध करते हैं और आज की कांग्रेस अयोध्या का विरोध करती है। दोनों में कोई अंतर नहीं है। इसलिए कांग्रेस को अपने पाप की माफी मांगना पड़ेगी, कांग्रेस राजनीतिक दल है, लेकिन समाज को हिंदू-मुसलमान में क्यों बांटना चाहती है, कांग्रेस चाहती तो भारत विभाजन को टाल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। अब फिर नए बीज बोए जा रहे हैं, अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। पूरा देश 22 जनवरी को उद्घाटन का साक्षी बनेगा। देशभर से लड्डु के थाल अयोध्या पहुंचाएं जा रहें हैं। मप्र सरकार 5 लाख लड्डु के थाल अयोध्या पहुंचा रही है, लेकिन ये श्रीराम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण ठुकरा रहें हैं। कांग्रेस केवल वोट बैंक देख रही है, इसकी कीमत कांग्रेस को चुकाना पड़ेगी।
कांग्रेस से विचारधारा की दुश्मनी
सीएम डॉ यादव ने कहा कि हमारा और कांग्रेस का अंतर क्या है, हम क्यों जीतना चाहते हैं और कांग्रेस को क्यों हराना चाहते हैं, कांग्रेस की हमारी कोई जातीय दुश्मनी नहीं है लेकिन जातीय दुश्मन से बड़ी हमारी विचारधारा की दुश्मनी है। कांग्रेस हमारे देवी देवताओं पर उंगली क्यों उठाती है, ये कांग्रेस को उसे पार्टी की कीमत चुकानी पड़ेगी। 2 हजार साल पहले विक्रमादित्य ने दुनिया में भारतीय सनातन का परचम लहराकर के भगवान राम का मंदिर बनवाया था, पूरे देश में अलख जगाया था। उन्होंने समूची मानव की स्थापना करने के लिए सुशासन का उच्चतम मापदंड स्थपित किया।