इस बजट में किसानों को क्या उपहार मिला और क्या नुकसान हुआ आइये जानते हैं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में केंद्रीय बजट ( 2021-22) पेश किया. बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2021-22 छह स्तंभों पर आधारित है. ये स्तंभ हेल्थ एंड वेलबिइंग, वित्तीय पूंजी, समावेशी विकास, मानव पूंजी, इनोवेशन एंड आरएंडडी और मिनिमम इंटरवेंशन्स हैं. कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में इकोनॉमी को बीते कुछ समय में बड़ा झटका लगा है.

ये है किसानों के लिये बजट के महत्वपूर्ण बिंदु

1-किसानों के खातों में 2.37 लाख करोड़ रुपये की एमएसपी सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
2- निर्मला सीतारमण ने कहा कि आने वाले दिनों में कैमिकल फ्री नेचुरल फार्मिंग को प्रमोट किया जाएगा। पहले चरण में गंगा किनारे की किसानों की जमीन 5 किलोमीटर के कोरिडोर को पहले चरण में चुना जाएगा।
3- ऑयल सीड का आयात घटाने की दिशा में काम करते हुए घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा।
4- वित्त मंत्री ने किसानों तक तकनीक पहुंचाने की दिशा में भी काम करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत स्कीम लाई जाएंगी, जिससे किसानों तक डिजिटल और हाईटेक तकनीक पहुंचाई जाएगी।
5- यहां तक कि किसानों की खेती के असेसमेंट के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी।
6- न्यूट्रिएंट और कीटनाशक के छिड़काव को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
7- निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्यों को एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटीज को रिवाइव करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
8- साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऑर्गेनिग फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा।
– नाबार्ड के जरिए एग्रिकल्चर से जुड़े स्टार्टअप और रूरल एंटरप्राइज को फाइनेंस किया जाएगा, जो खेती से जुड़े होंगे।
10- किसानों को फल और सब्जियों की सही वैराएटी इस्तेमाल करने के लिए सरकार कंप्रेहेंसिव पैकेज देगी, जिसमें राज्यों की भी भागीदारी होगी।

पिछले बजट में किसानों के लिए था क्या?

फरवरी 2021 के बजट पर किसानों की खास नजर थी, क्योंकि उस वक्त किसान कानून के खिलाफ करीब दो महीने से तमाम किसान प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि, तब किसानों को कोई बड़ी राहत नहीं मिली था, सिवाय आश्वासन के। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि 2021-22 में किसानों को अधिक कृषि ऋण उपलब्‍ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। फरवरी 2020 में 15 लाख करोड़ रुपये की घोषणा हुई थी, जिसे फरवरी 2021 में मामूली बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। साथ ही कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट में 22 और उत्पादों को शामिल करने की घोषणा हुई थी।

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