जब अमिताभ बच्चन को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, उस समय जया बच्चन का था ये हाल

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अमिताभ बच्चन ने अपने करियर में कई यादगार फिल्में दी हैं, इन्हीं फिल्मों के चलते ये आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ‘बिग बी’ को एक बार डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, नहीं पता! तो आइए हम आपको बताते हैं वो पूरी दास्तान, ​जिस समय अमिताभ बच्चन जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे। 

जब बिग बी की हालत देख हैरान हो गए थे डॉक्टर

वो समय था साल 1982 का जुलाई महीना। उस समय बॉलीवुड के हर दीवानों की सासें अटक गई थी, और पूरा देश मिलकर अमिताभ बच्चन के लिए प्रार्थना कर रहा था। दरअसल, 24 जुलाई, 1982 को फिल्म ‘कुली’ के एक सीन की बेंगलुरु में शूटिंग के दौरान एक्टर पुनीत इस्सर का घूंसा अमिताभ के मुंह पर पड़ते ही वह स्टील की टेबल पर गिरे और लुढ़कते हुए दूसरी ओर जा गिरे। सीन काफी रियल लगा, इस पर उन्हें तालियां मिली। अमिताभ भी मुस्कुराए, लेकिन तभी उनके पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ। कुछ देर बाद अमिताभ ने बताया कि टेबल का कोना उनके पेट में बुरी तरह चुभा है। अमिताभ ही नहीं बल्कि सभी को ये चोट मामूली लग रही थी, क्योंकि खून की एक बूंद भी नहीं निकली थी। शुरुआती जांच में कुछ नहीं निकला, लेकिन बच्चन को असहनीय दर्द हो रहा था।

फिर 27 जुलाई, 1982 को डॉक्टर्स ने ऑपरेशन का फैसला कर जब उनका पेट चीरा तो हैरान रह गए। अमिताभ के पेट की झिल्ली (जो पेट के अंगो को जोड़े रखती है और केमिकल्स से उन्हें बचाती है) और छोटी आंत फट चुकी थी। 28 जुलाई को ऑपरेशन के एक दिन बाद अमिताभ को निमोनिया भी हो गया। उनके शरीर में जहर फैलने लगा और खून पतला हो रहा था। ब्लड डेंसिटी को सुधारने के लिए बेंगलौर में सेल्स मौजूद नहीं थे, जिन्हें मुंबई से बुलवाया गया।

दवा और दुआओं के असर से दोबारा जीवित हुए बच्चन

फिर एयरबस के जरिए अमिताभ को 31 जुलाई की सुबह मुंबई ले जाया गया। उन्हें ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के स्पेशल विजिलेंस वॉर्ड में रखा गया। 1 अगस्त को उनकी तबीयत में सुधार था जबकि 2 तारीख को अचानक अमिताभ की कंडीशन फिर बिगड़ गई। शरीर में जहर फैलने की वजह से डॉक्टर्स ने दोबारा ऑपरेशन किया, जो 3 घंटों तक चला। बिग बी की हालत काफी गंभीर थी, उन्हें दवाओं के साथ दुआओं की भी जरूरत थी। इसलिए देशभर में उनके लिए प्रार्थनाएं शुरू हो गई। धार्मिक स्थलों में लोग अमिताभ की सलामती की दुआ मांगने के लिए उमड़ पड़े और आखिरकार उनके स्वास्थ में सुधार आया।

डाक्टरों ने घोषित कर दिया था मृत

16 अगस्त को अंततः अमिताभ की सेहत में सुधार हुआ। वो खाने-पीने लगे और कुछ कदम चलने भी लगे, लगातार उनकी सेहत में सुधार होता गया। 24 सितंबर के दिन आखिरकार अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। लोगों की बेकाबू भीड़ उनका इंतजार कर रही थी। ठीक होने पर अपने प्रशंसकों का धन्यवाद देते हुए अमिताभ ने कहा था, ‘जिंदगी और मौत के बीच यह एक भयावह अग्नि परीक्षा थी। दो महीने का अस्पताल प्रवास और मौत से लड़ाई खत्म हो चुकी है। अब मैं मौत पर विजय पाकर अपने घर लौट रहा हूं।’ घर पहुंचकर उन्होंने हाथ हिलाकर अपने शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा किया। इस वास्तविक सीन को ही फिल्म कुली के अंतिम सीन के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। इस पूरे घटना के दौरान जया बच्चन ने दिन-रात अमिताभ की सेवा की। चोट से ठीक होने को अमिताभ ने पुर्नजन्म माना और फिर जया के साथ खुशनुमा सफर शुरू करने का फैसला किया।

Leave a Reply