इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए दतिया पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि 4 मई को एक 6 वर्षीय बच्चा मयंक सेन दतिया कोतवाली क्षेत्र से लापता हो गया था। जिसके एक दिन बाद 5 मई को मयंक के पिता संजीव सेन की शिकायत पर कोतवाली में आईपीसी की धारा 363 के अंतर्गत अपहरण का केस दर्ज किया गया।
फिर उसी दिन ग्वालियर पुलिस को विवेकानंद चौराहा क्षेत्र में एक बच्चे का शव मिला। जिसकी सूचना दतिया पुलिस को दी गई और फोटो से चेहरा मिलने पर मृतक के मयंक होने की पुष्टि की गई। उन्होंने बताया कि, पुलिस जांच में सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें रवि शर्मा की कार को अपराध स्थल से गुजरते हुए देखा गया था। आरोपी रवि शर्मा से पूछने पर उसने कहा कि उसे दतिया में रथ यात्रा के दौरान ड्यूटी पर भेजा गया था। वह अपनी कार में दो अन्य पुलिस कांस्टेबलों के साथ ग्वालियर लौट रहा था।
शुरू में हवलदार रवि शर्मा ने बताया कि जैसे ही उसने वर्ना कार की डिक्की खोली, उसमें लाश थी। जिसे उसने ग्वालियर में फेक दिया परंतु बाद में जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज दिखाया और सख्ती से पूछताछ की, तब जाकर रवि शर्मा ने अपना अपराध माना। आरोपी रवि शर्मा ने बताया कि वह कई महीनों से मानसिक तनाव और अवसाद से गुजर रहा है। जब उस बच्चे ने बार बार पैसे मांगे तो वह चिड़चिड़ा हो गया और तनाव में आकर उसने बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी।