नई दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में बनने वाले मैरियन बायोटेक के कफ सिरप ‘डॉक-1 मैक्स’ का उपयोग नहीं करने की सलाह दी है। इसे लेकर WHO ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि ये उत्पाद गुणवत्ता का मानकों को पूरा करने में असफल साबित हुए हैं। ये मामला पिछले साल उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत से जुड़ा है।
ये है मामला
बता दें कि पिछले साल उज्बेकिस्तान में 19 बच्चों की मौत हुई थी और वहां की सरकार ने इसके लिए नोएडा स्थित मैरियन बायोटेक के कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन उज्बेकिस्तान के कई बड़े अधिकारियों के संपर्क में है और इसपर जानकारी ली जा रही है। अब WHO ने अब अलर्ट जारी कर मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित दो कफ सिरप एम्ब्रोनोल और डॉक-1 मैक्स इस्तेमाल नहीं करनी की सलाह दी है। उसने कहा है कि ये उत्पाद असुरक्षित हैं और बच्चों के लिए विशेष रूप से हानिकारक साबित हो सकते हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ये उत्पाद गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा नहीं करते हैं। इसे बनाने के लिए सुरक्षा के तय मानकों का पालन नहीं किया गया है। लैब टेस्टिंग में इनमें दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई है। इसके बाद WHO ने इसे बच्चों के लिए बेहद हानिकारक बताया है। ये मामला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस रद्द कर दिया था। भारत सरकार भी इसकी जांच करवा रही है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) के सूत्रों ने बताया था कि फिलहाल ये सिरप भारत के बाजार में नहीं बेचा जा रहा है।