आखिर क्यों भगोड़ा बना माल्या

एक व्यक्ति अपनी साढ़े सात लाख डालर की फरारी कार लेकर वाशिंगटन के एक बैंक में गया और वहां मैंनेजर से बोला कि वह भारत जा रहा है। उसे अपनी यात्रा व वहां होने वाले खर्च के लिए 5000 डालर का कर्ज चाहिए। मैनेजर ने उससे पूछा कि तुम क्या गिरवी रखोगे? उसने कहा कि ‘फरारी कार’। मैनेजर ने सीईओ से बात की वह मान गया। उस व्यक्ति ने गाड़ी के कागज और चाभी मैनेजर को थमा दी और उसने उसे 5000 डालर दे दिए।

वह 15 दिन बार वापस लौटा और उसने 15 डालर 40 सेंट का ब्याज चुकाया, अपनी कार वापस ली। मैनेजर से रहा नहीं गया और उसने पूछ ही लिया कि आखिर इतनी छोटी सी रकम के लिए आपने इतनी मंहगी गाड़ी क्यों गिरवी रख दी? वह मुस्कुराते हुए बोला कि वाशिंगटन में मात्र 15 डालर में भला कहा 15 दिन के लिए सुरक्षित पार्किंग मिल सकती है।

वह व्यक्ति विजय माल्या थे। कुछ लोगों का दावा है कि यह सिर्फ चुटकुला है। पर कुछ समय पहले जब संसद के गलियारों में इस राज्यसभा सदस्य को लेकर कुछ पत्रकारों ने उनसे इस बारे में पूछा तो वे यह कहकर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए कि इतना दिमाग किसी माल्या का ही हो सकता है। इस घटना से यह तो पता चलता है कि बैंको को बेवकूफ बनाने और उन्हें चूना लगाने में उन्हें महारथ हासिल है।

उन पर स्टेट बैंक आफ इंडिया समेत 17 बैंकों का 9500 करोड़ रुपए का कर्ज है। ये बैंक कर्ज वसूली पंचाट में जाकर गुहार लगा रहे हैं कि वे उनके खिलाफ कार्रवाई करें। उनका पासपोर्ट जब्त करें उन्हें गिरफ्तार करें। पर इस सबके बावजूद यह व्यक्ति मुस्कुरा रहा है। वह 18 दिसंबर 2015 को गोवा में अपने 60 वें जन्मदिन पर ऐसी पार्टी देता है कि लोगों की आंखे खुल जाती है। उस पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुरमन राजन तक को यह कहना पड़ जाता है कि कुछ लोग उधार के पैसे लेकर जिस तरह दावतें दे रहे हैं वह उन्हें शोभा नहीं देता है और जवाब में माल्या कहते हैं कि यह मेरी निजी जिंदगी है। राजन यह कहने वाले कौन होते हैं?
कभी देश में नंबर एक एयरलाइन होने का दावा करने वाली किंग फिशर एयर लाइंस के दिवालिया हो जाने पर उन्हें कोई दुख नहीं है। वे तो इस बात पर दुखी है कि वे तेल के गिरते दामों का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। वे कहते हैं कि एयर लाइसं का बंद होना तो आम बात है। जिंदगी में उतार चढ़ाव तो चलते रहते हैं। उनका दावा है कि उनकी जिंदगी एक खुली किताब है। जेम्सबांड की तरह अपनी से आधी उम्र की महिलाओं के कमर में हाथ डालकर घूमने वाले इस उद्योगपति का कहना है कि उनकी इन हरकतों से उननी पत्नी रेखा को कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि उसे पता है कि यह सब तो उनकी ब्रांड वेल्यू का हिस्सा है।