जयपुर : राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अग्निपरीक्षा होगी। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही
हिमाचल प्रदेश में पर्यवेक्षक नियुक्त सचिन पायलट की भूमिका अहम हो गई है। पायलट के सामने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य को जीतना बड़ी चुनौती है। पायलट को कुशल नेतृत्व करना है ताकि उनका मुख्यमंत्री पद का दावा मजबूत हो सके। बता दें करीब तीन महीने पहले कांग्रेस आलाकमान ने सीएम भूपेश बघेल, प्रताप सिंह बाजवा के साथ-साथ सचिन पायलट को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पायलट हिमाचल चुनाव में सचिन पायलट की रणनीति और परफॉर्मेंस पर सबकी निगाह रहेगी।
पायलट के परफॉर्मेंस पर सबकी निगाह रहेगी
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद सीएम गहलोत की विश्वनीयता संकट में है। हालांकि, सियासी घटनाक्रम पर सीएम गहलोत ने सोनिया गांधी से माफी मांग ली है, लेकिन सवाल विश्वनीयता का है। ऐसे में सचिन पायलट के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव अहम माने जा रहे हैं। कांग्रेस चुनाव जीत जाती है तो पायलट दमदार तरीके से कांग्रेस आलाकमान के समक्ष दावा पेश कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश का सियासी समीकरण भी पायलट के पक्ष में बताया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के गुर्जर वोटरों में पायलट सेंध लगा सकेत हैं। हिमाचल के गुर्जर मोदी सरकार से इसलिए नाराज है। क्योंकि मोदी सरकार ने एसटी में अन्य जातियों को भी शामिल कर लिया। गुर्जर वोटर्स इससे नाराज है। सचिन पायलट गुर्जर वोटर्स की नाराजगी को कांग्रेस के पक्ष में भुना सकते हैं।
कांग्रेस आलाकमान ने दिया है सियासी मैसेज
हिमाचल चुनाव में प्रचार की कमान प्रियंका गांधी के हाथ में है। प्रियंका गांधी ने यूपी चुनाव में भी सचिन पायलट संग रैली की थी। माना जा रहा है कि सचिन पायलट इस बार भी प्रियंका गांधी संग हिमाचल में चुनाव प्रचार करेंगे। दोनों नेताओं की ट्यूनिंग से गहलोत कैंप सतर्क है। तीन महीन पहले कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को हिमाचल प्रदेश किे चुनावों में ऑब्जर्वर बनाकर सियासी मैसेज दिया था। पायलट को चुनावों में पहले भी स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी मिलती रही है। इस बार पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी देकर उनके समर्थकों को मैसेज दिया गया है। हाल ही सचिन पायलट ने कहा था कि कहा था कि गर्दन नीची करके पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। अब सचिन पायलट को भूपेश बघेल के साथ हिमाचल की जिम्मेदारी दी है। गहलोत और पायलट को विधानसभा चुनावों में जिम्मेदारी देने को सियासी संतुलन बनाने की कोशिश के तौर पर देखा गया।