भोपाल : मध्य प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनावों में, राजनीतिक दलों ने 29 संसदीय सीटों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरी ताकत लगा दी है। दरअसल मध्यप्रदेश में इस बार, भाजपा और कांग्रेस दोनों आदिवासी क्षेत्रों पर जोर दे रहे हैं। जानकारी के अनुसार प्रदेश में 10 सीटें ऐसी हैं जो आदिवासी बाहुल्य वाली हैं। वहीं छह जिलों में से अधिकांश जनसंख्या आदिवासी समाज की है। इसी कारण से, दोनों दलों ने आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया है।
दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 के गणित को समझने के लिए हमें मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर भी ध्यान देना होगा। जानकारी अनुसार 29 लोकसभा सीटों में से 10 पर विजय की कुंजी आदिवासियों के पास ही है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की कुल आबादी पर नजर डाली जाए तो इसमें से 22% आदिवासी हैं। इतना ही नहीं मध्यप्रदेश के कई जिलों में आदिवासियों का शेयर 29% से 87% तक है।
इन 10 सीटों से तय होगी जीत:
दरअसल इन वोटों को शहरों के गणित से समझा जाए तो, आदिवासी बाहुल्य की 10 लोकसभा सीटों में शामिल शहरों के नाम छिंदवाड़ा, बैतूल, खरगोन, मंडला, बालाघाट, खंडवा, रतलाम, धार, शहडोल, और सीधी हैं। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों ही आदिवासियों की सहायता में अपनी योजनाएं लागू करने के वादे कर कर रहे हैं। दरअसल भाजपा और कांग्रेस दोनों का फोकस इन आदिवासी वोटर्स को लुभाने का हैं।
इन सीटों पर आदिवासी समुदाय के वोट का बड़ा महत्व है क्योंकि प्रदेश के 19 जिलों में अनुसूचित जनजाति की आबादी का भी विशेष संदर्भ है। उदाहरण के लिए, अलीराजपुर में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 6 लाख 48 हजार 638 है, जो कि कुल आबादी का 91% है। इसी तरह, झाबुआ में भी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 8 लाख 91 हजार 818 है, जो कि कुल आबादी का 87% है। इस प्रकार, इन सीटों पर आदिवासी समुदाय का वोट बहुत मायने रखता है।
बीजेपी और कांग्रेस का पूरा फोकस:
दरअसल इसलिए, यहाँ बीजेपी और कांग्रेस का ध्यान ज्यादा है। जानकारी के अनुसार डिंडोरी में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 4 लाख 55 हजार 789 है और कुल आबादी 7 लाख 4 हजार 524 है। मंडला में भी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 6 लाख 10 हजार 528 है और कुल आबादी 10 लाख 54 हजार 905 है। धार में 12 लाख 22 हजार 814 अनुसूचित जनजाति के बीच कुल आबादी 21 लाख 85 हजार 793 है। अनूपपुर में कुल आबादी 7 लाख 49 हजार 237 है और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 3 लाख 58 हजार 543 है। उमरिया में भी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 3 लाख 687 है और कुल आबादी 6 लाख 44 हजार 758 है।