नई दिल्ली : सोमवार को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आज मंगलवार को गणेश चतुर्थी के शुभ मौके पर नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। मोदी सरकार की तरफ से यह बिल कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने पेश किया और अब इस पर बुधवार को बहस होगी। पीएम मोदी ने इस बिल को नारी शक्ति अधिनियम नाम दिया है । बिल पेश करने के बाद मेघवाल ने कहा कि हम ऐतिहासिक बिल लाने जा रहे हैं। अभी लोकसभा में 82 महिला सांसद हैं, इस बिल के पास होने के बाद 181 महिला सांसद हो जाएंगी।
संसद में विपक्ष का हंगामा
मेघवाल ने आगे कहा कि यह आरक्षण सीधे चुने हुए जाने वाले जन प्रतिनिधियों के लिए लागू होगा।आसान शब्दों में कहे तो यह राज्यसभा और राज्यों की विधान परिषदों पर लागू नहीं होगा। इधर, जैसे ही लोकसभा में नारी शक्ति वंदन बिल पेश किया गया वैसे ही विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान बिल लाया गया था। यह बिल अभी मौजूद है। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम नया बिल लाए हैं,आप पहले अपनी जानकारी दुरुस्त कर लीजिए।
इसके बाद विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी को लेकर हंगामा किया। इनका कहना था कि उन्हें बिल की कॉपी नहीं मिली है। विपक्ष ने कहा कि बिना बिल को सर्कुलेट किए हुए पेश कैसे कर दिया गया , बिल को जब सदन में इंट्रोड्यूस किया जाता है तो पहले कॉपी को सांसदों को देना जरूरी रहता है। जिस पर कानून मंत्री ने कहा कि बिल वेबसाइट पर अपलोड हो चुका है।इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 20 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
20 सितंबर तक लोकसभा की कार्रवाही स्थगित
इधर, नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश होने के बाद राज्यसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन यादगार और ऐतिहासिक है। ये सदन देश को नई दिशा देने का काम करेंगे। नई संसद, सिर्फ नई बिल्डिंग नहीं नई शुरुआत है, बल्कि काम की रफ्तार में बदलाव लाना है।हम आज महिला आरक्षण बिल लाने जा रहे हैं। इसका नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम होगा।