नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन और विश्वकर्मा जयंती के खास अवसर पर 70 शहरों में प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना की शुरुआत की जा रही है। इस योजना के तहत श्रमिकों को रोजाना 500 रुपए दिए जाएंगे। इतना ही नहीं उन्हें 1 लाख रुपए तक का लोन भी इस योजना के तहत दिया जा सकेगा। अगर एक साल के अंदर लिया गया लोन चूका दिया गया तो अगली बार बढ़ती हुई राशि के साथ लोन फिर से दिया जा सकेगा।
इस दिन होगा योजना का शुभारंभ
यह योजना मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के साथ अन्य शहरों में लागू की जाने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस योजना का शुभारंभ उनके जन्मदिन के खास अवसर पर यानी 17 सितंबर के दिन करने वाले हैं। आपको बता दे, इस योजना को शुरू करने की घोषणा केंद्र सरकार द्वारा केंद्र बजट 2023-24 में की गई थी।
जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के चलते अपने हाथों और औजारों से कम करने वाले शिल्पकारों को कौशल अभ्यास के लिए बढ़ावा देने और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। योजना का लाभ देश के स्किल लेबर यानी कारपेंटर, बढ़ई, सुतार, मूर्तिकार शिल्पकार, मिस्त्री सहित अन्य सैकडों कारीगर ले सकते हैं।
खास बात ये है कि उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वह अपनी कला का प्रदर्शन राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय बाजारों तक कर सके। बता दे, 30 लाख परिवारों के किसी एक व्यक्ति को इस योजना में जोड़ा जाएगा। ऐसे में उन्हें पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी भी दी जाएगी।
ये लोग ले सकेंगे प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ
- बढ़ई
- नाव निर्माता
- अस्त्रकार
- लोहार
- हथौड़ा और टूलकिट निर्माता
- ताला बनाने वाला
- सुनार
- कुम्हार
- मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला
- पत्थर तोड़ने वाला
- मोची
- राजमिस्त्री
- टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाला/कॅयर बुनकर
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- बार्बर
- गारलैंड मेकर
- धोबी
- टेलर
- फिशिंग नेट निर्माता को शामिल करेगी