मध्य प्रदेश की एक गुफा आपको हैरान कर सकती है। दरअसल ये एक ऐसी गुफा है, जिसके भीतर जाने वाले उस गुफा का अंत समझ नहीं आता है। इस गुफा में कोई जितना भी आगे जाते हैं, यह गुफा उतनी ही बढ़ती हुई महसूस होती है। गुफा काफी डरावनी और शांत है। साथ ही इस गुफा की जमीन एकदम मखमली है।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 115 किमी आगे चलने पर आपको विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाएं मिलती है। इस जगह से लोगों पैदल ही करीब 2 किमी चलना होता है। पर्वत श्रृंखलाओं के एक पहाड़ पर ही यह गुफा मौजूद है। जब इस गुफा की ओर बढ़ते हैं तो छोटा सा आश्रम मिलता है और यहां पर रहने वाले बाबा जी को ही इस गुफा के रास्ते का पता है।
इसलिए इस गुफा तक बाबा जी ही मार्गदर्शन करते हैं। आश्रम से कुछ दूर चलने के बाद गुफा का मुख्य द्वार दिखाई देने लगता है और इस स्थान से ही शुरू होता है गुफा का रहस्य। जब गुफा के अंदर जाते हैं तो पहले आपको एक छोटा सा मंदिर दिखाई पड़ता है और इसके बाद अंधेरा होता है, इसलिए आगे जाने के लिए टार्च साथ में रखना जरुरी हो जाता है।
गुफा के अंदर जाने पर बड़े-बड़े पत्थर मिलते हैं और इन पत्थरों को पकड़ कर ही आगे बढ़ा जाता है। पत्थरों के इस रास्ते पर करीब एक किमी चलने के बाद एक बड़ा हाल मिलता है जहां पर करीब 500 लोग एक साथ आ सकते हैं। इस गुफा में कहीं-कहीं दीवारों पर कुछ चित्र भी बने हुए दिखाई देते हैं।
इस गुफा में पानी और मछलियां भी देखने को मिलती है। गुफा की सबसे बड़ी खासियत है यहां की जमीन और गुफा का अंत। आपको बता दें कि इस गुफा के अंत का पता आजतक नहीं लग पाया है।